EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

सप्ताह में 4 दिन काम पर देश में चल रहा मंथन! ब्रिटेन के इस प्रयोग को अपना रहे कई देश, घटेगी ग्लोबल वार्मिंग

कॉर्पोरेट सेक्टर में एक दिन में कई घंटों तक काम वो भी सप्ताह में 5 या 6 दिनों तक। इस नियम से अलग अब दुनिया के कई देश  एक सप्ताह में 4 दिन काम और 3 दिन के अवकाश की बात कर रहे हैं। उनका यह मानना है कि इससे न केवल मानिसक  स्वास्थ्य बेहतर रहेगा बल्कि ग्लोबल वार्मिंग भी कम होती जाएगी। एक पायलेट प्रोजेक्ट में पाया गया कि अगर ब्रिटेन में फोर-डे-वर्कवीक लागू हो जाए तो उसका कार्बन उत्सर्जन 20 प्रतिशत से ज्यादा घट जाएगा।

बेल्जियम से न्यूजीलैंड तक कई देशों में दिखे सकारात्मक नतीजे

साल 2022 में यूनाइटेड किंगडम की 70 कंपनियों ने एक प्रयोग के तहत अपने कर्मचारियों को हफ्ते में 4 दिन ही काम पर बुलाना शुरू किया। फोर-डे-वर्कवीक के लगभग 6 महीने के ट्रायल के दौरान कर्मचारियों का प्रदर्शन 22 प्रतिशत बेहतर हुआ। ट्रायल के आखिर में ज्यादातर कंपनियों ने माना कि वे हफ्ते में चार दिन काम की प्रैक्टिस को जारी रखेंगी। इसी तरह के ट्रायल बेल्जियम, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी हुए, और नतीजे भी लगभग एक से दिखे।

‘काम का ये तरीका ज्यादा खुश रहेगा’

माना जा रहा है कि काम का ये तरीका लोगों को ज्यादा खुश रखेगा, वे अपनी फैमिली को ज्यादा समय दे सकेंगे और मनपसंद काम भी कर सकेंगे। इसके अलावा भी एक फायदा है, जिस पर पर्यावरणविद बात कर रहे हैं। हफ्ते में चार दिन काम से ग्लोबल वार्मिंग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा क्योंकि इससे सीधे-सीधे कार्बन उत्सर्जन कम हो जाएगा।

भारत में भी फोर-डे-वर्कवीक पर चल रहा मंथन

भारत में भी फोर-डे-वर्कवीक पर विचार चल रहा है। लेबर लॉ के तहत ऐसा किया जा सकेगा, हालांकि इसमें काम के घंटे बढ़ाकर दिन कम करने की बात हो रही है। जैसे लोगों को 8 या 9 की बजाए 12 घंटे काम करना पड़े, तो बदले में वे तीन दिन छुट्टियां ले सकते हैं। हालांकि इस पर अभी बात चल ही रही है, और पक्का नहीं कि सारी कंपनियां इसपर राजी ही हों।

क्या कहता है प्रयोग

पर्यावरण पर काम करने वाली संस्था प्लेटफॉर्म लंदन की मदद से हुए प्रयोग में पाया गया कि अगर पूरे ब्रिटेन में हफ्ते में 4 दिन काम का नियम बन जाए तो साल 2025 तक वहां का कार्बन उत्सर्जन 20 प्रतिशत से ज्यादा कम हो जाएगा। ये लगभग उतना है, जितने में पूरे ब्रिटेन में एक दिन के लिए सड़क पर एक भी वाहन का न चलना। इससे व्यक्तिगत कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा।