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पुतिन को चुनाव लड़ने के अधिकार पर कोर्ट की मुहर, 83 साल तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ

मॉस्को। रूस की संवैधानिक अदालत ने भी सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दो और चुनाव लड़ने का अधिकार देने वाले कानून संशोधन पर मुहर लगा दी। देश की संसद और राज्य विधानसभाओं से पारित इस प्रस्ताव पर राष्ट्रपति पुतिन पहले ही दस्तखत कर चुके हैं। अब 22 अप्रैल को संशोधित कानून पर जनता की औपचारिक राय जानी जाएगी।

कानून संशोधन में पुतिन के राष्ट्रपति के रूप में दो कार्यकालों को शून्य मान लिया गया है। अब 2024 में जो चुनाव होगा, उसे वह नए उम्मीदवार के तौर पर लड़ सकेंगे। इस प्रकार से पुतिन (67) ने छह-छह साल के दो और कार्यकालों के लिए राष्ट्रपति बनने की काबिलियत पा ली है। वह 83 साल की उम्र तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।

अदालत जिस समय कानून संशोधन के मसौदे का अध्ययन कर रही थी और उस पर फैसला लिख रही थी, उस समय हजारों लोग पुतिन की सत्ता को बरकरार रखने की कवायद पर विरोध जता रहे थे। हजारों लोगों ने शिकायती पत्र पर दस्तखत कर अदालत से सत्ता पर कब्जे की इस अवैध कोशिश को नाकाम करने की मांग की थी। संवैधानिक अदालत ने अपना 52 पेज का फैसला वेबसाइट पर पोस्ट कर दिया है।

18 हजार ने बताया संविधान विरोधी

18 हजार से ज्यादा रूसी नागरिकों ने पुतिन को सत्ता में बनाए रखने की इस कवायद को अस्वीकार्य बताया है। कहा है कि यह संविधान के खिलाफ जाकर सत्ता पर कब्जे की साजिश है। इन सभी लोगों ने एक विरोध पत्र पर दस्तखत किए हैं।