भारत के खिलाफ अपनी डपली अपने राग के बीच इमरान खान थपथपा रहे खुद अपनी ही पीठ
नई दिल्ली । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जर्मन के अखबार डाइचे वेले को एक इंटरव्यू दिया है। हालांकि उनका यह इंटरव्यू पहले दिए गए दुनिया के दूसरे अखबारों से कुछ अलग नहीं था। पहले की ही तरह इस बार भी उन्होंने इस इंटरव्यू में जहां अपनी पीठ खुद ही थपथपाई वहीं भारत पर अनर्गल आरोप भी लगाए। कुल मिलाकर उनका ये इंटरव्यू भारत और पीएम मोदी की सरकार पर लगाए गए बेतुके और झूठे आरोपों के के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा। उन्होंने यह इंटरव्यू ऐसे समय में दिया है जब भारत ने बेहिचक शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए न्यौता देने की अपनी मंशा सार्वजनिक कर दी है।
कई मसले
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के इन दोनों नेताओं की अब तक एक बार भी मुलाकात नहीं हुई है। इमरान खान जब से पीएम बनें हैं तब से लेकर अब तक पुलवामा हमले समेत कई ऐसे वाकये हो चुके हैं जिन्हें भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया है। वहीं पाकिस्तान की बात करें तो पहले जहां वो कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश करता था वहीं अब उसने इसमें भारत में लागू नागरिकता संशोधन कानून को भी लागू कर दिया है। इमरान खान समेत उनके दूसरे मंत्री भी इसको लेकर भारत के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। बहरहाल, आपको बता देते हैं कि डीडब्ल्यू को उन्होंने जो इंटरव्यू दिया है उसमें इमरान ने कैसे अपनी पीठ खुद थपथपाई है और भारत पर कैसे झूठे आरोप लगाए हैं। उनका ये इंटरव्यू डीडब्ल्यू की चीफ एडिटर ने लिया था।
आरएसएस पर आरोप
इमरान ने इस इंटरव्यू में केंद्र में मौजूद पीएम मोदी की सरकार को चरमपंथी और हिंदुत्व विचारधारा वाली सरकार बताया है। उन्होंने इसमें आरएसएस पर भी अंगुली उठाई और कहा कि ये संगठन नाजी सोच से प्रेरित है और इसके संस्थापक नस्लीय सर्वोच्चता में विश्वास करते थे। वह अपने इस इंटरव्यू में यहां तक कहने से नहीं चूके कि आरएसएस ने ही महात्मा गांंधी की हत्या की थी।
आपको बता दें कि बीते वर्ष अगस्त में जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया तब से पाकिस्तान कुछ ज्यादा तिलमिला गया है। पूर्व में दिए गए तीन इंटरव्यू में उनकी ये बौखलाहट सामने आई है। इस इंटरव्यू में भी उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भारत को न सिर्फ घेरने की कोशिश की बल्कि बेतुके आरोप भी लगाए। उनका आरोप था कि कश्मीर बीते पांच माह से कैद में है। ये बयान देते हुए वो भूल गए कि काफी समय पहले ही सरकार ने कश्मीर से कई तरह की पाबंदियां हटा दी हैं। वहीं कई नजरबंद नेताओं को भी छोड़ दिया गया है। ये बयान देते हुए वो ये भी भूल गए कि कश्मीर में हर तरह से आज की तारीख में सामान्य स्थिति है। लेकिन, उनकी समस्या ये है कि सर्दियां गुजर जाने के बावजूद आतंकी घुसपैठ करने में नाकाम नहीं हो सके। वहीं आतंकियों के सफाए में सेना ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। दूसरी समस्या ये भी है कि उनकी भाषा बोलने वाले नेताओं को अभी खुली हवा में सांस लेने की इजाजत नहीं दी गई है। यही वजह है कि वो पहले की तरह घाटी में असंतोष और हिंसा नहीं करवा पा रहे हैं।