ISRO GSAT-30 : इसरो का संचार उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च, जलवायु परिवर्तन की भविष्यवाणी में निभाएगा अहम भूमिका
वाशिंगटन। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का संचार उपग्रह जीसैट-30 (GSAT -30) सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया। इससे इंटरनेट की दुनिया में क्रांति आने की उम्मीद जताई जा रही है। 5जी नेटवर्क भी अब दूर नहीं है। वहीं, जलवायु परिवर्तन की भविष्यवाणी में यह अहम भूमिका निभाएगा। इसरो का GSAT-30 यूरोपियन हैवी रॉकेट एरियन-5 ईसीए शुक्रवार तड़के 2.35 मिनट पर दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर कौरो के एरियर प्रक्षेपण तट से छोड़ा गया। यह इसरो का इस साल अर्थात 2020 का पहला मिशन है। बता दें कि जीसैट-30 संचार उपग्रह इनसैट-4ए की जगह लेगा, जिसे साल 2005 में लॉन्च किया गया था। यह भारत की टेलिकम्युनिकेशन सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
GSAT -30 इसरो द्वारा डिजाइन किया हुआ और बनाया गया एक दूरसंचार उपग्रह है। यह इनसैट सैटेलाइट की जगह काम करेगा। इससे राज्य-संचालित और निजी सेवा प्रदाताओं को संचार लिंक प्रदान करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
इसका का वजन करीब 3100 किलोग्राम है। यह लॉन्चिंग के बाद 15 सालों तक काम करता रहेगा। इसे जियो-इलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। इसमें दो सोलर पैनल होंगे और बैटरी होगी जिससे इसे ऊर्जा मिलेगी। यह 107 वां एरियन 5 वां मिशन है। कंपनी के 40 साल पूरे हो गए हैं।
वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पास आदित्य-एल1 उपग्रह सहित 25 उपग्रह लॉन्च करने की योजना है। आदित्य एल1 मिशन को मध्य 2020 तक लॉन्च करने की योजना है।