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कुछ वर्षों से नहीं बल्कि दशकों से खराब है अमेरिका-ईरान के बीच रिश्‍ते, कुछ मामलों ने दी इसे हवा

नई दिल्‍ली । ईरान और अमेरिका के बीच तनाव वर्तमान में जो तनाव दिखाई दे रहा है वह दरअसल दशकों पुराना है। इसके पीछे न तो बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर हुआ प्रदर्शन ही एकमात्र वजह है और न ही ईरानी टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत, बल्कि यह केवल एक बहाना मात्र है। ईरान और अमेरिका की दुश्‍मनी या यूं कहें कि तनातनी ईरान में इस्‍लामिक क्रांति से भी पहले की है। इसको वहां के शासक शाह पहलवी के तख्‍ता पलट ने और हवा दी। अयातुल्‍लाह खामेनेई द्वारा बनी सरकार ने इस दुश्‍मनी को चरम तक पहुंचा दिया। आपको बता दें कि शाह के तख्‍ता पलट के बाद से ही अमेरिका ने ईरान से सभी संबंध तोड़ लिए थे। तब से लेकर अब तक दोनों देशों की बदौलत कई बार दुनिया पर संकट के बादल छाए हैं। 

अमेरिका-ईरान के बीच तनाव या दुश्‍मनी की पटकथा 1949 में देश में नया संविधान लागू होने के साथ ही शुरू हो गई थी। नए संविधान के तहत ईरान ने बेहद कम समय में पांच अलग-अलग प्रधानमंत्रियों को देखा। हर किसी का कार्यकाल कुछ माह या कुछ वर्षों का ही रहा। ऐसी स्थिति में जहां देश की आर्थिक हालत खराब हो रही थी वहीं शाह के खिलाफ लोगों का गुस्‍सा धीरे-धीरे सड़कों पर उतर रहा था। शाह क्‍योंकि अमेरिकी पसंद थे इसलिए भी वह जनता के निशाने पर थे। पश्चिम देशों के इशारे पर वो देश में ऐसे कानून लागू कर रहे थे जो ईरानी जनता को कतई पसंद नहीं थे। शाह के खिलाफ इन ईरानियों का नेतृत्‍व अयातुल्‍लाह खामेनेई कर रहे थे, जो आगे चलकर देश के पहले सर्वोच्‍च नेता भी बने थे।