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सीएनआर 2 नामक प्रोटीन को सक्रिय करने से रुकती है कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि

लंदन, प्रेट्र। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का उपयोग अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी होने लगा है और इसके प्रभावी परिणाम भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक नई एल्गोरिद्म विकसित की है, जिसकी मदद से न्यूरोब्लास्टोमा जैसे ब्रेन कैंसर का उपचार किया जा सकेगा। यह बच्चों में होने वाले सबसे खतरनाक कैंसरों में से एक है। इस कैंसर की कोशिकाएं विशेष रूप से तंत्रिका तंत्र को अपना निशाना बनाती हैं और तनाव की स्थिति में खतरनाक प्रतिक्रिया देती हैं।

नए उपचार के बारे में जर्नल नेचर कम्यूनिकेशन में विस्तार से बताया गया है। यह उपचार नर्वस सिस्टम में सीएनआर 2 (कैनाबिनोइड रिसेप्टर 2) नामक प्रोटीन को सक्रिय करने पर आधारित है। यानी कैंसर के उपचार के नए तरीके में दवाओं के जरिये सीएनआर 2 को सक्रिय जाता है और इसके सक्रिय होते ही कैंसर कोशिकाओं पर इसका असर देखने को मिलता है। इस दौरान या तो उनकी वृद्धि रुक जाती है या वे खत्म होने लगते हैं।

स्वीडन के उप्सला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने एक नई एल्गोरिद्म विकसित की है। इसमें यूरोपीय और अमेरिकी अस्पतालों और विश्वविद्यालयों से बड़े पैमाने पर आनुवंशिक और ड्रग डाटा को जोड़ने पर पता चला कि यह एल्गोरिद्म उपचार के नए सुझाव दे सकती है, जिसके जरिये रोगों के बुनियादी तंत्र को प्रभावित किया जा सकता है और इस बात की संभावनाएं बढ़ जाती हैं कि रोग ठीक हो जाए।

उप्सला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और इस अध्ययन के सह-लेखक स्वेन नेलैंडर ने कहा, हम आश्चर्यचकित थे जब एल्गोरिद्म ने न्यूरोब्लास्टोमा के उपचार के लिए सीएनआर 2 को सिमुलेट करने जैसा तरीका सुझाया। इस संदर्भ में अब तक किसी ने चर्चा तक नहीं की थी। इसलिए हमने प्रयोगशाला में आगे इसकी जांच करने का फैसला किया है। जब वैज्ञानिकों ने दवा का नई विधि के तहत परीक्षण किया तो इसके उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले। जेब्रा फिश पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि सीएनआर2 को सिमुलेट करने पर ट्यूमर की वृद्धि रुक गई और कैंसर कोशिकाएं भी धीरे-धीरे कम होने लगी।