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US-Iran Tension: ईरानी खतरे के बीच अमेरिका ने सैनिकों के सेलफोन रखने पर लगाई रोक, लिए कई फैसले

वाशिंगटन। अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पश्चिम एशिया में संकट गहरा गया है। ईरान ने धमकी दी है कि वह अमेरिका से सुलेमानी की मौत का बदला लेगा। ऐसे में ईरान के किसी भी खतरे या छद्म हमले से निपटने के लिए इराक और सीरिया में तैनात अमेरिकी सेना पूरी तैयारी में जुट गई है। इसके लिए पश्चिम एशिया में रक्षा साजो-सामान के साथ ही अमेरिकी सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

सुलेमानी की मौत के बाद ईरान की ओर से मिल रही धमकियों से निपटने के लिए अमेरिका का रक्षा विभाग पेंटागन क्षेत्र में अपने सैन्य अड्डों के लिए अतिरिक्त बल भेज रहा है। करीब 4500 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया गया है। ये अतिरिक्त सैनिक मुख्य रूप से क्षेत्र में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों और परिसरों की सुरक्षा पुख्ता करेंगे और किसी भी संभावित हमले का जवाब देंगे। अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नॉर्थ कैरोलिना स्थित 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के करीब चार हजार सैनिकों को कुवैत रवाना किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य कई कोर के सैकड़ों पैराट्रूपर्स भी भेजे जा रहे हैं।

सेलफोन नहीं रख सकेंगे सैनिक

रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम एशिया में भेजे जा रहे सैनिक अपने साथ सेलफोन नहीं ले जा सकेंगे। मोबाइल फोन से सोशल मीडिया पर होने वाले पोस्ट से सैनिकों की लोकेशन की जानकारी मिल सकती है।

खाड़ी में 65 हजार अमेरिकी सैनिक

इराक में 5,500 और सीरिया में 600 सैनिकों समेत सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में अभी 45 से 65 हजार तक अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। पेंटागन ने गत मई में ईरान के साथ तनाव बढ़ने पर फारस की खाड़ी के क्षेत्र में 14 हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए थे।