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सदी के अंत तक एक मीटर से ज्यादा बढ़ सकता है गंगा डेल्टा का जलस्तर

लंदन, प्रेट्र। पूर्वी भारत और बांग्लादेश के इलाके में बहने वाली गंगा, ब्रह्मापुत्र और मेघना के डेल्टा का जलस्तर इस सदी के अंत तक 1.4 मीटर तक बढ़ सकता है। जलस्तर में वृद्धि और भूस्खलन के क्षेत्रीय अनुमानों को बताने वाला यह अध्ययन सोमवार को पीएनएएस नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया। अध्ययन में कहा गया है कि इसके निष्कर्षो पर काम करके हम भारत और बांग्लादेश में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

फ्रांस के सीएनआरएस इंस्टीट्यूट सहित विभिन्न देशों के शोधकर्ताओं के मुताबिक यह क्षेत्र ना केवल दुनिया में सबसे बड़ा है बल्कि यह सबसे घनी आबादी वाला डेल्टा है। यह जलवायु परिवर्तन के लिए संवेदनशील स्थानों में से भी एक है।

हालांकि अपने निष्कर्षो में शोधकर्ताओं ने यह जरूर कहा है कि जलस्तर बढ़ने की सीमा और उससे पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अब भी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। बांग्लादेश के दो-तिहाई और पूर्वी भारत के इलाके के इस डेल्टा में पहले से ही बाढ़ का खतरा रहता है। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में अक्सर तीव्र मानसूनी बारिश, समुद्र के बढ़ते जलस्तर और भूस्खलन का भी असर पड़ता रहता है। वर्तमान अध्ययन के तहत डेल्टा की 101 जगहों पर पानी और समुद्र के स्तर की मासिक रीडिंग का विश्लेषण किया गया।

इससे पता चलता है कि 1968 और 2012 के बीच जलस्तर में औसतन तीन मिलीमीटर प्रति वर्ष की वृद्धि हुई है। यह समुद्र के स्तर में होने वाली वैश्विक वृद्धि की तुलना में अधिक है, जो इसी समयावधि में दो मिमी प्रति वर्ष है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में होने वाले भूस्खलन का अनुमान लगाया तो पता चला कि 1993 और 2012 के बीच डेल्टा में अधिकतम भूस्खलन एक और सात मिमी प्रति वर्ष के बीच था।