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पाकिस्तान नहीं, भारत के इस पड़ोसी देश ने चीन को दिया 1000 रुपये के नोट छापने का ठेका, कंपनी हुई बल्ले-बल्ले


India Neighbor Chooses China To Print Notes: नेपाल सरकार ने चीन की एक कंपनी को देश के करंसी नोट डिजाइन और प्रिंट करने का ठेका दे दिया है. इस ठेके के तहत चीन बैंकनोट मुद्रण और खनन निगम 430 मिलियन 1,000 रुपये के नोट प्रिंट करेगी. नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने शुक्रवार को इस कंपनी को नोट डिजाइन, प्रिंट और सप्लाई करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट दिया. नेपाल राष्ट्र बैंक के करेंसी मैनेजमेंट विभाग के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 16.985 मिलियन डॉलर है, जैसा कि समाचार एजेंसी PTI ने रिपोर्ट किया.

India Neighbor Chooses China To Print Notes: सबसे कम बोली के आधार पर ठेका

नेपाल ने यह कॉन्ट्रैक्ट चीनी कंपनी को सबसे कम मूल्य वाली बोली के आधार पर दिया है. चीन बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन पहले भी नेपाल के 5, 10, 100 और 500 रुपये के नोट प्रिंट कर चुकी है. पिछले कुछ सालों में चीन लगातार नेपाल के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. भारत, जो नेपाल के साथ सांस्कृतिक, धार्मिक और कूटनीतिक संबंध रखता है, ऐसे कदमों को संदेह की नजर से देखता है. इसके पीछे कारण यह है कि चीन की बढ़ती मौजूदगी भारत की क्षेत्रीय स्थिति को कमजोर कर सकती है.

नेपाल में Gen Z की हिंसक प्रदर्शन की लहर

हाल ही में नेपाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिसमें मुख्य रूप से युवा शामिल थे. इन प्रदर्शनों ने सरकार को पलट दिया और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. कई मंत्री हमलों का शिकार हुए, उन्हें भगाया गया और उनके घरों में आग लगा दी गई. पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी, राज्यलक्ष्मी चित्रकार, अपने घर में आग लगने के बाद मृत पाई गईं. प्रदर्शनकारियों ने संसद, पीएम निवास और राष्ट्रपति भवन सहित कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी.

इन प्रदर्शनों की शुरूआत 4 सितंबर को सरकार की एक सख्त कार्रवाई से हुई, जिसमें 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप और X को ब्लॉक कर दिया गया. लेकिन मुख्य कारण सिर्फ सोशल मीडिया पर रोक नहीं था. युवा भ्रष्टाचार, अकाउंटेबिलिटी की कमी और देश में बढ़ती असमानता के खिलाफ भी सड़कों पर उतरे. इन प्रदर्शनों को मीडिया और आम लोग ‘जेन जी प्रोटेस्ट’ या ‘जेन जी रिवोल्यूशन’ के नाम से पुकार रहे हैं.

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