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जापान में समंदर उफान पर! इवाते तट पर आया 6.7 तीव्रता का भूकंप, सुनामी अलर्ट जारी


Japan Earthquake: जापान में रविवार को इवाते प्रांत के तट से दूर एक तेज भूकंप आया, जिसके तुरंत बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने सुनामी एडवाइजरी जारी कर दी. जापान टाइम्स के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई और जापान के सीस्मिक इंटेंसिटी स्केल पर इसे स्तर 4 दर्ज किया गया. जैसे ही झटके महसूस हुए, स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया और तटों पर एडवाइजरी की जानकारी भेजी गई ताकि किसी भी संभावित खतरे को कम किया जा सके.

Japan Earthquake: भूकंप कब और कहां महसूस हुआ?

यह भूकंप स्थानीय समय के अनुसार शाम 17:03 बजे आया. झटके इवाते प्रांत के मोरीओका और याहाबा में महसूस किए गए, जबकि पड़ोसी मियागी प्रांत के वाकुया शहर में भी कंपन दर्ज किया गया. इससे पहले राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने भी बताया था कि उत्तरी प्रशांत महासागर में इवाते प्रांत के पास 6.6 तीव्रता का भूकंप महसूस हुआ. एनसीएस ने एक्स (ट्विटर) पोस्ट में लिखा, “एम का ईक्यू: 6.6, दिनांक: 09/11/2025 13:33:42 IST, अक्षांश: 39.51 एन, लंबाई: 143.38 ई, गहराई: 30 किमी, स्थान: उत्तरी प्रशांत महासागर.” यानी यह भूकंप पृथ्वी की सतह से 30 किलोमीटर की गहराई पर आया था.

जापान में भूकंप क्यों बार-बार आते हैं?

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) का कहना है कि जापान दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय इलाकों में आता है. जमीन के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों की लगातार हलचल के कारण यहां भूकंप आम बात है. जेएमए लगातार पूरे देश में भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों की निगरानी करता है और समय-समय पर चेतावनी और एडवाइजरी जारी करता है, ताकि जान-माल का नुकसान रोका जा सके.

इसी दिन भारत के अंडमान सागर क्षेत्र में भी भूकंप आया. इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई. NCS ने X पर पोस्ट में लिखा, “EQ of M: 5.4, दिनांक 09/11/2025 12:06:28 IST, अक्षांश: 12.49 N, देशांतर: 93.83 E, गहराई: 90 किमी, स्थान: अंडमान सागर.” यह भूकंप पृथ्वी की सतह से 90 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज हुआ.

सतही भूकंप होते हैं अधिक खतरनाक

विशेषज्ञों के अनुसार, सतह के करीब यानी कम गहराई में आने वाले भूकंप अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि कंपन सीधे सतह तक पहुंचता है और इसका असर ज्यादा होता है. इससे इमारतों को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है और जनहानि का खतरा भी बढ़ जाता है. इसी वजह से सतही भूकंप सबसे ज्यादा विनाशकारी माने जाते हैं.

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