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Pakistan Britain Army relations: पाकिस्तान-ब्रिटेन के बीच बढ़ रहीं सैन्य नजदीकियां, रावलपिंडी पहुंचे ब्रिटिश सेना चीफ, कौन सी खिचड़ी पका रहे मुनीर?


Pakistan Britain Army relations: ब्रिटिश सेना के प्रमुख अधिकारी इन दिनों पाकिस्तान के दौरे पर हैं. दोनों देशों के बीच इन दिनों सैन्य स्तर पर काफी नजदीकियां बढ़ रही हैं. ब्रिटिश सेना प्रमुख जनरल रोलैंड विन्सेंट वॉकर ने रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की. दोनों अधिकारियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. जनरल रोलैंड विन्सेंट वॉकर और आसिम मुनीर के बीच गुरुवार को रावलपिंडी स्थित पाकिस्तान के जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) में मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों अधिकारियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की.

पाकिस्तान सेना द्वारा जारी बयान के अनुसार, बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी हितों से जुड़े मुद्दों, क्षेत्रीय सुरक्षा और यूके और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर विचार किया. जनरल वॉकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तानी सेना की उपलब्धियों की भी सराहना की. दोनों सेनाध्यक्षों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया. GHQ पहुंचने पर, जनरल वॉकर ने यादगार-ए-शुहदा पर पुष्पचक्र अर्पित किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. दोनों देशों के सैन्य अधिकारी नियमित रूप से एक-दूसरे से संवाद करते रहते हैं.

पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच बढ़ रहीं नजदीकियां

यह मुलाकात पश्चिमी देशों और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में बढ़ते सामंजस्य का संकेत देती है. जनरल मुनीर ने इससे पहले फरवरी में ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान जनरल वॉकर ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एडमिरल टोनी राडाकिन तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल से मुलाकात की थी. फरवरी में ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान मुनीर ने रॉयल मिलिट्री एकेडमी, सैंडहर्स्ट में आयोजित 7वें रीजनल स्टेबिलाइजेशन कॉन्फ्रेंस में मुख्य भाषण दिया था.

वहीं मई 2024 में तत्कालीन CGS जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स ने भी पाकिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने जनरल मुनीर से मुलाकात की थी. इस दौरान जनरल वॉकर भी CGS-डिजिग्नेट के रूप में मौजूद थे. जनरल सैंडर्स ने इस दौरान नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी, इस्लामाबाद में आयोजित छठे पाकिस्तान-यूके रीजनल स्टेबिलाइजेशन कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया था. जनरल मुनीर और जनरल सैंडर्स की इससे पहले मई 2023 में रावलपिंडी में भी मुलाकात हुई थी, जब जनरल सैंडर्स ने पाकिस्तान का दौरा किया था.

पाकिस्तान के चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी, जनरल साहिर शामशाद मिर्जा ने भी पिछले वर्ष अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान वरिष्ठ ब्रिटिश रक्षा अधिकारियों से मुलाकात की थी. यह बैठक दोनों देशों के बीच जारी रणनीतिक संवाद का हिस्सा थी. पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच रक्षा सहयोग में पाकिस्तानी अधिकारियों का रॉयल मिलिट्री एकेडमी सैंडहर्स्ट और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में प्रशिक्षण शामिल है. इसके अलावा, पाकिस्तान सेना की टीमें नियमित रूप से ब्रिटेन की ‘कैम्ब्रियन पेट्रोल’ प्रतियोगिता में भी भाग लेती हैं.

संघर्ष से हलकान है पाकिस्तान

पाकिस्तान इन दिनों अपने पड़ोसी देशों के साथ संघर्ष की स्थिति में है. जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जिसे भारत ने निर्मम आतंकी हमला बताया और ऑपरेशन सिंदूर लांच किया, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और 100 से अधिक आतंकियों का सफाया किया गया. वहीं अफगानिस्तान के साथ भी पाकिस्तान युद्ध जैसे हालात में है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए हालिया संघर्ष में भी काफी अफगान नागरिकों और पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की सूचना आई है. हालांकि दोनों देश इन दिनों शांति वार्ता के लिए तुर्की में हैं. दो दौर की वार्ता विफल होने के बाद तीसरी बार 6 नवंबर को पड़ोसी देशों के बीच चर्चा चल रही है. इसी बीच डूरंड लाइन पर एकबार फिर से संघर्ष बढ़ गया है. 

अमेरिका के भी नजदीक हो रहा पाकिस्तान

ब्रिटिश सेना प्रमुख की यह यात्रा अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच भी हो रही है. आसिम मुनीर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सराहा था क्योंकि उन्होंने भारत के साथ संघर्षविराम कराने के उनके बिना सबूत वाले दावे का समर्थन किया था. दोनों देशों के बीच 10 मई को संघर्षविराम पर सहमति बनी, जिसका श्रेय डोनाल्ड ट्रंप बार-बार खुद को देते रहे हैं. हालांकि भारत ने बार-बार कहा कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हुई, लेकिन पाकिस्तान ने तुरंत ट्रंप को श्रेय दिया और अमेरिका की कृपा पाने के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी किया.

खुद को बेच रहा पाकिस्तान?

डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंध चौंकाने वाले हैं, क्योंकि उन्होंने पहले पाकिस्तान को आतंकवादियों का अड्डा और अमेरिका को धोखा देने वाला देश कहा था. हालांकि भारत के हमले के बाद परिस्थितयां बदल गई हैं. पाकिस्तान चीन के साए से दूर होने की कोशिश कर रहा है. उसने अपने संबंध सुधारने के लिए अमेरिका का रुख किया. इसके बाद अमेरिका और पाकिस्तान ने एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत पाकिस्तान के तेल भंडारों को अमेरिकी निवेश के लिए खोला जाएगा और इस्लामाबाद के लिए टैरिफ घटाए जाएंगे. वहीं आसिम मुनीर ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप को बलूचिस्तान में रेयर अर्थ मैटेरियल निकालने का ऑफर दिया था. इसी सेशन में पाकिस्तान ने अमेरिका को पासनी में एक बंदरगाह बनाने का भी मौका देने का वादा किया है.

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