इजरायल ने इजिप्ट बॉर्डर पर छेड़ा वॉर, सेना, शिन बेट और पुलिस मिलकर करेंगे कार्रवाई, अब किसके खात्मे के पीछे पड़े यहूदी?
Israel declares war on drones at Egypt border: इजरायल अपनी सुरक्षा को लेकर चाक चौबंद तैयारी में जुटा हुआ है. गाजा में हमास के खात्मे को लेकर दृढ़ यहूदी देश किसी भी चूक के खतरे का मोल नहीं उठा सकता. इजरायल ने मिस्र सीमा पर ड्रोन के जरिये हथियारों की तस्करी पर अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है. रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने गुरुवार को घोषणा की कि इसके लिए नई एंगेजमेंट रूल्स लागू की जा रही हैं. गाजा की सीमा इजिप्ट के सिनाई प्रायद्वीप से मिलती है. इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए गाजा के लगभग पूरे पूर्वी हिस्से में अब भी मौजूद है, जबकि समुद्री रास्ते पर भी उसका ही नियंत्रण है.
काट्ज ने कहा, “ड्रोन के माध्यम से हथियारों की तस्करी गाजा युद्ध का ही हिस्सा है और इसका उद्देश्य हमारे दुश्मनों को हथियार पहुंचाना है और इसे रोकने के लिए हर संभव कदम उठाना आवश्यक है.” उन्होंने यह बयान सेना के कमांडरों, इजरायल सुरक्षा एजेंसी (शिन बेट), राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और इजरायल पुलिस के प्रतिनिधियों के साथ हुई एक आपात बैठक के बाद दिया. रक्षा मंत्री ने सेना को आदेश दिया है कि वे फायरिंग के नियमों में बदलाव करें, ताकि वे प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले किसी भी अनऑथराइज्ड व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सके. उन्होंने अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा, “हम युद्ध की घोषणा कर रहे हैं, जो कोई भी प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करेगा, उसे नुकसान पहुंचाया जाएगा.”
पिछले दिनों हुई ढेर सारी तस्करी
अधिकारियों ने इस बैठक को उस बड़े प्रयास का हिस्सा बताया जिसका उद्देश्य कानूनी और तकनीकी खामियों को दूर करना है, जिनका फायदा उठाकर बिना चालक वाले विमान सीमा पार से हथियार और सामान पहुंचा रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में मिस्र से इजरायल में ड्रोन तस्करी के लगभग 900 प्रयास दर्ज किए गए, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में रिपोर्ट किए गए 464 प्रयासों की तुलना में लगभग दोगुने हैं. यह आंकड़ा अक्टूबर के मध्य में केनेस्सेट (इजरायली संसद) की विदेश और रक्षा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
इजरायल क्यों उठा रहा ये कदम?
7 अक्टूबर 2023 को देश के दक्षिणी हिस्से में हमास के आतंकवादियों ने जघन्य आपराधिक कार्रवाई करते हुए हजार से ज्यादा निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि 250 लोगों को बंदी बना लिया था. इस नृशंस कृत्य पर इजरायल ने अपनी सैन्य क्षमता और कूटनीति का सफल उपयोग करते हुए गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और 2 साल में फिलिस्तीन के पश्चिमी हिस्से पर अपना रौद्र रूप दिखाया. बंधकों की रिहाई और हमास को जड़ से समाप्त करने के क्रम में हजारों लोग मारे गए और बेघर हो गए. हालांकि अब दोनों देशों के बीच डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा पेश की गई 20 सूत्रीय योजना के तहत युद्ध पर सीजफायर है, लेकिन इजरायल अपनी सुरक्षा को लेकर अब कोई समझौता नहीं करना चाह रहा.
हथियारों की तस्करी को आतंकी खतरा घोषित करेगा इजरायल!
काट्ज और घरेलू खुफिया एजेंसी शिन बेट के प्रमुख मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डेविड जिनी ने यह भी सहमति जताई कि मिस्र सीमा के साथ ड्रोन के माध्यम से हथियारों की तस्करी को आतंकी खतरा के रूप में वर्गीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सरकार का कहना है कि इस कानूनी दर्जे से सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कड़े और व्यापक कदम उठाने के अधिकार मिल जाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस कदम के तहत ड्रोन के उपयोग, खरीद और रखरखाव से संबंधित कानूनी संशोधन और अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रणाली लाने के प्रयास भी किए जाएंगे.
मंत्रालय ने यह भी बताया कि रक्षा विभाग वायु सेना के साथ मिलकर नई तकनीकी प्रणालियों का विकास तेज करेगा, ताकि ड्रोन के जरिये हो रही तस्करी का पता लगाने और उसे रोकने के लिए आधुनिक समाधान तैयार किए जा सकें. इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद इस दिशा में नियाम बनाने और उन्हें लागू करने के कदमों को समर्थन देगी.
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