South Korea Nuclear Submarine: दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर सबमरीन बनाने का सौदा किया. हाल ही में हुए एपेक (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने ट्रंप से अनुरोध किया था कि सियोल को पारंपरिक हथियारों से लैस पनडुब्बियों के लिए परमाणु ईंधन की आपूर्ति की अनुमति दी जाए, ताकि वह उत्तर कोरियाई और चीनी नौसैनिक गतिविधियों पर बेहतर निगरानी रख सके. उनका कहना था कि इससे अमेरिकी बलों का परिचालन बोझ भी कम होगा. अब अमेरिका ने इस पर सहमति जता दी है.
अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ बीते दिनों दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं. इसी दौरान उन्होंने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष आन ग्यू-बैक (Ahn Gyu-back) के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका, राष्ट्रपति ट्रंप की उस घोषणा को साकार करने के लिए संयुक्त एजेंसियों के सहयोग से सावधानीपूर्वक प्रयास करेगा, जिसके तहत दक्षिण कोरिया को अमेरिकी शिपयार्ड में परमाणु-संचालित पनडुब्बियां (nuclear-powered submarines) बनाने की अनुमति दी गई है. योन्हाप न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा है कि उन्होंने दक्षिण कोरिया को फिलाडेल्फिया स्थित अमेरिकी शिपयार्ड में हनवा ओशन (Hanwha Ocean) के माध्यम से एक परमाणु-संचालित पनडुब्बी (SSN) बनाने की मंजूरी दे दी है.
परमाणु हथियार नहीं बनाएगा दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया ने स्पष्ट किया है कि वह अब भी परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के प्रति प्रतिबद्ध है.
रक्षा मंत्री आन ग्यू-बैक ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से बातचीत के बाद कहा, “दक्षिण कोरिया परमाणु अप्रसार संधि का हस्ताक्षरकर्ता है, इसलिए हम परमाणु हथियार विकसित नहीं करेंगे.” साउथ कोरिया की यह सबमरीन 2030 के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है.
उत्तर कोरिया की प्रतिक्रिया
दक्षिण कोरिया और अमेरिका नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं. आखिरी अभ्यास इस साल अगस्त 2025 में हुआ था. उत्तर कोरिया ने अतीत में दक्षिण कोरियाई बंदरगाहों पर अमेरिकी विमानवाहक पोतों की मौजूदगी की तीखी आलोचना की है. मार्च 2025 में यूएसएस कार्ल विन्सन के दौरे के बाद, उत्तर कोरियाई नेता किम यो-जोंग (किम जोंग उन की बहन) ने इस कदम को “अमेरिका की चरम शत्रुता का प्रतीक” बताया था. वहीं पीट हेगसेथ की हालिया यात्रा से पहले उसने रॉकेट भी फायर किया था. ऐसे में हेगसेथ की मौजूदगी में यूएसएस जॉर्ज वॉशिंगटन ने एकबार फिर से साउथ कोरिया में डेरा डाला है.
उत्तर कोरिया-रूस नजदीकी
वर्षों से उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु हथियारों और मिसाइल क्षमताओं में उल्लेखनीय विस्तार किया है. साथ ही, उसने रूस के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत किया है. नॉर्थ कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को हथियारों की आपूर्ति की. 2024 के अगस्त में शुरू हुए यूक्रेनी सीमा-पार हमलों के दौरान कुर्स्क क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की है.
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