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भारत के सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ से कांपा पाकिस्तान! लश्कर का बड़ा जलसा आखिरी वक्त पर रद्द, कहा- ‘बाहरी खतरा मंडरा रहा है’


India Trishul Military Exercise: भारत का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल 2025’ शुरू होते ही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हलचल मच गई है. इसी बीच, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ी सियासी पार्टी मिली मुस्लिम लीग (MML) ने अचानक अपना बड़ा अधिवेशन टाल दिया है. यह कार्यक्रम 2 नवंबर को मीनार-ए-पाकिस्तान, लाहौर में होना था, लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है. लश्कर के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला संगठन की टॉप लीडरशिप पर मंडरा रहे ‘बाहरी खतरों’ को देखते हुए लिया गया. और दिलचस्प बात यह है कि यह फैसला ठीक उसी वक्त आया, जब भारत का ‘त्रिशूल’ अभ्यास पूरे जोश से चल रहा है.

‘त्रिशूल’ की वजह से क्या डरा लश्कर?

लश्कर के सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि अधिवेशन टालने का एक कारण भारत का यह सैन्य अभ्यास भी हो सकता है. जब उनसे पूछा गया कि क्या ‘त्रिशूल’ इसका कारण है, तो जवाब था कि यह शायद एक वजह हो सकती है. यानी खुद संगठन के भीतर भी यह बात मानी जा रही है कि भारत के इस बड़े ऑपरेशन ने उन्हें सावधान कर दिया है.

India Trishul Military Exercise: हाफिज सईद भी आने वाले था जलसा में

यह घोषणा किसी आधिकारिक बयान से नहीं, बल्कि ‘कॉर्नर मीटिंग्स’ के जरिए की गई. लश्कर के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि यह निर्णय हाफिज सईद की मंजूरी से लिया गया है. सईद खुद अधिवेशन में शिरकत करने वाले था और कार्यकर्ताओं को संबोधित करने की तैयारी थी. अब तक इस कार्यक्रम की नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.

NOTAM जारी, पाकिस्तान में बढ़ी ‘सावधानी’

दूसरी तरफ पाकिस्तान ने सिर्फ 5 दिनों में दूसरा NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह कदम “घबराहट और एहतियात” दोनों का संकेत देता है. नया NOTAM 1 से 30 नवंबर तक लागू रहेगा और पाकिस्तान के दक्षिणी और तटीय इलाकों के बड़े हिस्से में हवाई क्षेत्र को बंद रखेगा. इसके अलावा, पाकिस्तान ने 2 से 5 नवंबर तक अरब सागर में लाइव हथियार परीक्षण के लिए Nav-Area चेतावनी भी जारी की है.

क्या है भारत का ‘त्रिशूल 2025’?

‘त्रिशूल 2025’ भारत की तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना का संयुक्त अभ्यास है. यह एक बड़े पैमाने की ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ है, जिसमें तेज मोबिलाइजेशन, समुद्री प्रभुत्व और इंटीग्रेटेड वॉरफेयर की तैयारी की जा रही है. यह अभ्यास पश्चिमी मोर्चे से लेकर अरब सागर तक चल रहा है. हालांकि भारत इसे रूटीन मिलिट्री ड्रिल बता रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने इसे लेकर अपनी अलर्ट स्थिति बढ़ा दी है.

‘त्रिशूल इफेक्ट’ या पाकिस्तान की घबराहट?

अगर सारी घटनाओं को जोड़कर देखा जाए तो लश्कर का अधिवेशन टलना, हाफिज सईद का न आना, NOTAM और समुद्री चेतावनी तो यह साफ दिखता है कि पाकिस्तान में ‘त्रिशूल इफेक्ट’ महसूस किया जा रहा है. भारत का यह अभ्यास सिर्फ एक मिलिट्री ड्रिल नहीं, बल्कि एक संदेश भी है. एक सुरक्षा विशेषज्ञ के अनुसार, जब भारत तीनों सेनाओं को एक साथ उतारता है, तो पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क खुद को सीमित कर लेते हैं. उन्हें डर होता है कि किसी भी गलती का सीधा जवाब मिल सकता है.

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