Indian origin CEO accused of 500 million dollar fraud: भारतीय मूल के कारोबारी की वजह से अमेरिका में एक नया बवाल खड़ा हो गया है. बंकिम ब्रह्मभट्ट नाम के बिजनेसमैन पर 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,200 करोड़ रुपये) के घोटाले का आरोप लगा है. इसके जरिए उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट ग्रुप ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट शाखा और अन्य लोन देने वालों को धोखा दिया. हालांकि ब्रह्मभट्ट ने इन आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है. उनके वकील ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मूल के दूरसंचार उद्योगपति बंकिम ब्रह्मभट्ट पर यह आरोप है कि उन्होंने ब्लैकरॉक की प्राइवेट-क्रेडिट इनवेस्टिंग शाखा, एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और कई अन्य वित्तीय संस्थानों को निशाना बनाते हुए यह फर्जीवाड़ा चलाया. रिपोर्ट में कहा गया है कि एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स, जिसे इस साल की शुरुआत में ब्लैकरॉक ने अधिग्रहित किया था, अब इस घटना को हैरान कर देने वाला घोटाला बताते हुए धन की वसूली की कोशिश कर रहा है.
कौन हैं बंकिम ब्रह्मभट्ट?
ब्रह्मभट्ट अमेरिका स्थित ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस (Broadband Telecom & Bridgevoice) के मालिक हैं. ब्रह्मभट्ट बैंकाई ग्रुप (Bankai Group) के संस्थापक हैं, जो पिछले 30 सालों से दूरसंचार उद्योग में सक्रिय है. उनकी कंपनियां ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस दुनिया भर के टेलीकॉम ऑपरेटरों को इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाएं प्रदान करती हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने लोन के लिए गिरवी रखे गए खातों और देनदारियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए तैयार किया.
कैसे किया इतना बड़ा फर्जीवाड़ा?
उन्होंने अपने कंपनियों के खातों में फर्जी ग्राहक और रसीद दिखाते हुए भारी भरकम लोन लिया. लोन दाताओं की ओर से दायर मुकदमे में ब्रह्मभट्ट पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दो साल की अवधि में फर्जी इनवॉइस, अनुबंध और ईमेल तैयार किए, जिससे यह झूठा दिखाया जा सके कि बड़ी टेलीकॉम कंपनियां उनकी फर्मों की देनदार हैं. मुकदमे में कहा गया है, “ब्रह्मभट्ट ने केवल कागजों पर मौजूद एक विशाल नकली बैलेंस शीट बनाई.”
अगस्त में दायर एक मुकदमे में दावा किया गया है कि एचपीएस ने ब्रह्मभट्ट की कंपनियों को यह शर्त पर ऋण दिया था कि ग्राहकों से मिलने वाले भुगतान उन ऋणों की सुरक्षा करेंगे. अब ऋणदाताओं का आरोप है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर 500 मिलियन डॉलर से अधिक का बकाया है. ब्लैकरॉक ने यह भी आरोप लगाया है कि जांच के दौरान पता चला कि ऋण की राशि को भारत और मॉरीशस में ऑफशोर खातों में ट्रांसफर किया गया.
कैसे दिनों-दिन बढ़ा लोन
वॉल स्ट्रीट जर्नल रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबास (BNP Paribas) ने एचपीएस द्वारा ब्रह्मभट्ट की कंपनियों को दिए गए ऋणों को वित्तपोषित करने में मदद की थी. एचपीएस ने सितंबर 2020 में ब्रह्मभट्ट की कंपनी से जुड़ी एक यूनिट को लोन देना शुरू किया था. बाद में इसकी कुल राशि 2021 की शुरुआत में लगभग 385 मिलियन डॉलर और अगस्त 2024 तक लगभग 430 मिलियन डॉलर तक बढ़ गई. बताया जा रहा है कि इस ऋण राशि का लगभग आधा हिस्सा बीएनपी परिबास द्वारा वित्तपोषित किया गया था.
बंकिम ने सरकारी संरक्षण के लिए किया आवेदन
अब रिपोर्ट के अनुसार ब्रह्मभट्ट की कंपनी पर 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा की राशि बकाया है. मामला दर्ज होने के बाद से, ब्रह्मभट्ट से जुड़ी कई कंपनियों ने अमेरिका में Chapter 11 दिवालियापन संरक्षण के लिए आवेदन किया है.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
जब लोन देने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब एचपीएस ने डेलॉयट को कंपनी जांच के लिए एपॉइंट किया था. जुलाई में, एचपीएस के एक कर्मचारी ने Carriox के ग्राहकों के नाम से बनाए गए ईमेल पतों में अनियमितता पाई, जिसके बाद उन्होंने ब्रह्मभट्ट से सवाल पूछे. शुरुआत में ब्रह्मभट्ट ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया, लेकिन बाद में उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया. जब एचपीएस के कर्मचारी उनके न्यूयॉर्क स्थित गार्डन सिटी कार्यालय पहुंचे, तो पाया कि ऑफिस बंद पड़ा था.
बुधवार तक, कार्यालय का सूट लॉक्ड और खाली था, और उनके नजदीकी आवास के दरवाजे पर कोई जवाब नहीं मिला. वहां दो BMW, एक Porsche, एक Tesla और एक Audi जैसी कई लग्जरी कारें खड़ी थीं, जबकि दरवाजे पर एक अनखुला पार्सल रखा हुआ था.
रिपोर्ट के अनुसार, एचपीएस ने अपने ग्राहकों को बताया है कि उन्हें विश्वास है कि ब्रह्मभट्ट इस समय भारत में हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले के बाद ब्रह्मभट्ट की लिंक्डइन प्रोफाइल को हटा दिया गया है. यह मामला फिलहाल अमेरिकी कोर्ट में चल रहा है.
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