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बिंदी वाली महिला के सवालों ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति को मुश्किलों में डाला, देते फिर रहे सफाई पर सफाई, जानें क्या है मामला


JD Vance talk with Indian origin woman video: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस फिलहाल अपने जवाबों को लेकर चर्चा में हैं. उनसे एक भारतीय मूल की महिला ने उनकी आस्था और उनकी पत्नी उषा वेंस के साथ अंतर-धार्मिक विवाह के साथ-साथ इमिग्रेशन पर ट्रम्प प्रशासन की नीतियों को लेकर सवाल किया. दोनों के बीच बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बुधवार को यूनिवर्सिटी आफ मिसिसिपी में एक ‘टर्निंग प्वाइंट यूएसए’ कार्यक्रम में बिंदी लगाए महिला, वेंस से सवाल पूछती दिख रही है. इस दौरान महिला के मासूम सवालों ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति को असहज कर दिया. उन्होंने जवाब तो दिए, लेकिन उसके बाद से अब तक वे एक से ज्यादा बार सफाई पेश करते नजर आ चुके हैं. तो एसे में सवाल उठता है, कि बिंदी वाली महिला ने ऐसा क्या पूछ लिया और पूरी बातचीत में किन बिंदुओं पर चर्चा हुई? आइये जानते हैं. 

भारतीय मूल की छात्रा के तीखे सवाल

जब वेंस दर्शकों के सवाल ले रहे थे, तो भारतीय मूल की महिला ने उनसे कानूनी आव्रजन पर उनके रुख को लेकर सीधा सवाल किया. उपराष्ट्रपति से उनके सवालों का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. अपनी लंबी टिप्पणी में, महिला जो एक कश्मीरी पश्मीना शॉल में लिपटी दिख रही थी और माथे पर बिंदी भी नजर आई, ऐसे में उसे भारतीय के रूप में ही प्रचारित किया जा रहा है. महिला ने भावनात्मक लेकिन संयमित आवाज में कहा, “आपकी कही हुई अधिकांश बातों से मैं सहमत नहीं हूँ. महिला ने कहा कि वेंस का विवाह उषा वेंस से हुआ है, जो ईसाई नहीं हैं और वह एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आप तीन बच्चों का पालन-पोषण एक अंतर-सांस्कृतिक और अंतर धार्मिक परिवार में कर रहे हैं. आप अपने बच्चों को कैसे संभाल रहे हैं या कैसे सिखा रहे हैं कि वे आपके धर्म को अपनी मां के धर्म से आगे न रखें… आप इसमें कैसे संतुलन बना रहे हैं?”

महिला ने आगे कहा, ‘‘आपने हमें इस देश में अपनी जवानी और अपनी कमाई खर्च करने पर मजबूर किया.  उसने कहा कि उन्हें अमेरिकन ड्रीम का सपना दिखाया गया था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि अप्रवासी बहुत ज्यादा हैं. हमने कड़ी मेहनत की, नियमों का पालन किया और अब आप कह रहे हैं कि हममें से बहुत ज्यादा लोग हैं? आप वहाँ खड़े होकर कैसे कह सकते हैं कि अब हम यहाँ के नहीं रहे?”

उसने पूछा, “जब आप कहते हैं कि यहाँ बहुत ज्यादा प्रवासी हैं, तो आपने यह संख्या कब तय की? आपने हमें इस देश में अपनी जवानी और संपत्ति खर्च करने पर मजबूर किया और हमें एक सपना दिखाया. हम आपसे कुछ नहीं मांग रहे, हमने इसके लिए कड़ी मेहनत की है.” भारतीय मूल की महिला ने आगे कहा, “आप, एक उपराष्ट्रपति के तौर पर, यह कैसे कह सकते हैं कि अब हमारे यहाँ बहुत ज्यादा प्रवासी हैं और हम उन्हें निकाल देंगे, जबकि हम तो यहाँ नियमों का पालन करके और आपने जो शुल्क मांगा, वह भरकर आए हैं? आपने हमें एक रास्ता दिया था, तो अब उसे रोककर हमें कैसे कह सकते हैं कि हम यहाँ के नहीं रहे?” जैसे ही भीड़ ने महिला के सवाल पर तालियाँ बजाईं, उसने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य कोई विवाद खड़ा करना नहीं था.

जेडी वेंस का विस्तृत जवाब

वेंस मुस्कुराते हुए बोले, “हम किसी विवाद के करीब भी नहीं हैं, चिंता मत करें.” हालाँकि वेंस ने उसके सवाल का सीधा जवाब देने से बचा, लेकिन उन्होंने कहा कि बहुत अधिक लोगों को देश में आने देना अमेरिका के सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा, “सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति या दस या सौ लोग अवैध रूप से अमेरिका में आकर योगदान दे चुके हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें हर साल एक मिलियन, दस मिलियन या सौ मिलियन लोगों को आने देना चाहिए. ऐसा सोचना सही नहीं है.”

उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस को आसानी से जवाब देने से रोकते हुए, छात्रा ने उनसे उनके हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाली पत्नी और उनके बहुसांस्कृतिक परिवार के बारे में भी सवाल किया. वेंस से छात्रा ने आगे पूछा, “आपकी पत्नी उषा हिंदू हैं, तो मुझे अमेरिका से प्रेम साबित करने के लिए ईसाई क्यों होना पड़े?” इस प्रश्न के बाद उनके जवाबों ने ही पूरा माहौल अलग कर दिया. एक महिला ने वेंस के पारिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ा सवाल उठाया यह पूछते हुए कि वे एक अंतरधार्मिक और अंतरजातीय परिवार का हिस्सा होने के बावजूद अपने राजनीतिक रुख के बीच कैसे संतुलन बनाते हैं.

इस पर जे.डी. वेंस ने जवाब दिया कि उनकी पत्नी उषा हिंदू पृष्ठभूमि से हैं, लेकिन बहुत अधिक धार्मिक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि दोनों ने मिलकर यह फैसला किया है कि वे अपने बच्चों का पालन-पोषण ईसाई धर्म के अनुसार करेंगे. वेंस ने इसे “प्यार, विश्वास और पारस्परिक सम्मान पर आधारित पारिवारिक व्यवस्था” बताया.

मिसिसिपी में टर्निंग पॉइंट यूएसए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वेंस ने बुधवार को कहा, “अब ज्यादातर रविवार को उषा मेरे साथ चर्च आती हैं. जैसा कि मैंने उनसे कहा है और जैसा कि मैं सार्वजनिक रूप से भी कह चुका हूँ और जैसा कि मैं अब अपने 10,000 सबसे करीबी दोस्तों के सामने कह रहा हूँ कि क्या मैं चाहता हूँ कि एक दिन वह भी उसी भावना से प्रभावित हों जिससे मैं चर्च में होता हूँ? हाँ, मैं वास्तव में ऐसा चाहता हूँ, क्योंकि मैं ईसाई धर्मग्रंथ में विश्वास करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि एक दिन मेरी पत्नी भी इसे उसी तरह देखे.”

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी का धर्म उनके रिश्ते के लिए कोई समस्या नहीं पैदा करता. वेंस ने कहा, “लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो भगवान कहते हैं कि हर व्यक्ति को स्वतंत्र इच्छा मिली है, और यह मेरे लिए कोई समस्या नहीं है. यह वो चीज़ है जिसे आप अपने दोस्तों, परिवार और अपने प्रिय व्यक्ति के साथ समझदारी से सुलझाते हैं.”

उषा वेंस और जे.डी. वेंस की मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई थी, उस समय वेंस खुद को एग्नॉस्टिक बताते थे और ईसाई नहीं थे. बाद में दोनों ने अपने तीन बच्चों को ईसाई धर्म में पालन-पोषण करने का निर्णय लिया. अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब वह उषा से मिले थे, तो वे दोनों ‘‘नास्तिक” थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी यह सहमति इस तरह बनी कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं. हम एक-दूसरे से इस बारे में बात करते हैं. इसलिए हमने अपने बच्चों को ईसाई धर्म में पालने का फैसला किया है.’’ वेंस ने बताया कि अधिकांश रविवार को उषा उनके साथ चर्च जाती हैं.

अपने भाषण में धार्मिक आस्था के महत्व पर जोर देते हुए वेंस ने कहा, “मैं इस बात के लिए माफी नहीं मांगता कि मैं सोचता हूँ कि ईसाई मूल्य इस देश की एक महत्वपूर्ण नींव हैं.” उन्होंने कहा, “जो भी व्यक्ति आपको कहे कि उसका दृष्टिकोण तटस्थ है, संभवतः उसके पास कोई छिपा हुआ एजेंडा है. कम से कम मैं ईमानदारी से कहता हूँ कि मुझे लगता है कि इस देश की ईसाई नींव एक अच्छी चीज है.”

इस पूरी बातचीत का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं.

इस जवाब के बाद मचे बवाल पर वेंस की सफाई

वेंस और महिला के बीच यह संवाद सोशल मीडिया पर सामने आया और वेंस की टिप्पणियों की काफी आलोचना हुई. इसके जवाब में वेंस ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उषा की ईसाई धर्म अपनाने की कोई योजना नहीं है. वेंस ने अपनी टिप्पणी की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर पलटवार करते हुए कहा, “सबसे पहले, यह सवाल मेरे बाईं ओर बैठे एक व्यक्ति ने मेरे अंतरधार्मिक विवाह के बारे में पूछा था. मैं एक सार्वजनिक व्यक्ति हूं और लोग उत्सुक रहते हैं, इसलिए मैंने सवाल को टाला नहीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी-जैसा कि मैंने टीपीयूएसए में कहा था-मेरे जीवन का सबसे अद्भुत आशीर्वाद है. उसने स्वयं कई साल पहले मुझे अपने धर्म के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह ईसाई नहीं है और उनका धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अंतर्धार्मिक विवाह या किसी भी अंतर्धार्मिक रिश्ते में रहने वाले कई लोगों की तरह, मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह भी चीजों को मेरी तरह देख पाएंगी. इसके बावजूद, मैं उनसे प्यार और उनका समर्थन करता रहूंगा और उनसे आस्था, जीवन और बाकी सभी चीजों के बारे में बात करता रहूंगा, क्योंकि वह मेरी पत्नी है.’’

इसके अलावा उन्होंने कई टिप्पणियों पर रिप्लाई करते हुए जवाब भी दिए. आपको बता दें कि महिला के ये सवाल उस समय उठे हैं जब ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों की बड़े पैमाने पर निर्वासन प्रक्रिया शुरू की है और एच-1बी वीजा प्रणाली में बदलाव करके कानूनी इमिग्रेशन पर भी कई पाबंदियाँ लगाई हैं. इसके अलावा, लगभग 6,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्द किए जा चुके हैं. इसके साथ ही नए एच-1बी वीजा धारकों को अब सालाना 1 लाख डॉलर का शुल्क भी जमा कराना होगा. 

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