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ब्रिटिश राजघराने ने प्रिंस एंड्रयू से छीनी सभी शाही उपाधियां, महल से भी किया बाहर, जानें क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?


Prince Andrew stripped off from British Royal Titles: ब्रिटेन के शाही परिवार में प्रिंस एड्रयू से जुड़ा तूफान अभी थमा नहीं है. 65 वर्षीय प्रिंस एंड्रयू कई वर्षों से एप्स्टीन के साथ अपनी दोस्ती के कारण विवादों के केंद्र में रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में उन्होंने अपने भाई की स्वीकृति से “ड्यूक ऑफ यॉर्क” सहित सभी शाही उपाधियाँ छोड़ दी थीं. अब ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III ने अपने छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू से उनकी बची हुई सभी शाही उपाधियाँ, सम्मान और विशेषाधिकार छीन लिए हैं और साथ ही उन्हें विंडसर स्थित उनके निवास से बाहर निकलने का आदेश भी दिया है. यह घोषणा कई हफ्तों से चल रहे जनदबाव और जेफ्री एप्स्टीन से प्रिंस एंड्रयू के संबंधों पर दोबारा उठे विवादों के बाद की गई है.

बकिंघम पैलेस द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि किंग चार्ल्स III ने प्रिंस एंड्रयू से सभी बची हुई शाही उपाधियाँ, सम्मान और विशेषाधिकार छीन लिए हैं और उन्हें विंडसर स्थित उनके आवास खाली करने का आदेश दिया है. बयान के अनुसार, “आज महामहिम ने प्रिंस एंड्रयू की शाही शैली, उपाधियाँ और सम्मान हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की है.” बकिंघम पैलेस ने यह भी पुष्टि की कि प्रिंस एंड्रयू अब न तो किसी शाही पहचान के साथ जाने जाएंगे और न ही उन्हें “ड्यूक ऑफ यॉर्क” कहा जाएगा. “अब प्रिंस एंड्रयू को एंड्रयू माउंटबैटन-विंडसर के नाम से जाना जाएगा.” 

बयान में यह भी जोड़ा गया कि विंडसर कैसल के पास स्थित उनका 30 कमरों वाला भव्य निवास रॉयल लॉज अब उनके स्वामित्व में नहीं रहेगा. रॉयल लॉज पर उनकी लीज अब तक उन्हें वहां रहने की कानूनी सुरक्षा देती थी. अब औपचारिक नोटिस जारी कर दिया गया है, जिसके तहत उन्हें यह लीज छोड़नी होगी और वे किसी निजी आवास सैंडरिंगहम एस्टेट (नॉरफॉक) में शिफ्ट होंगे. महल ने कहा कि ये कदम आवश्यक थे, भले ही एंड्रयू ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया हो.

Prince Andrew Stripped Off From Royal Titles
ब्रिटिश राजघराने के द्वारा जारी किया गया आदेश. फोटो- सोशल मीडिया.

बयान के अंत में किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला ने यौन शोषण पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस निर्णय के नैतिक आधार को रेखांकित किया. “महामहिम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनका पूरा मन और गहरी संवेदनाएँ हर प्रकार के शोषण के पीड़ितों और बचे हुए लोगों के साथ हैं और रहेंगी.” किंग चार्ल्स III द्वारा अपने छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू से सभी शाही उपाधियाँ और सम्मान छीन लेना ब्रिटिश राजघराने के आधुनिक इतिहास की सबसे नाटकीय घटनाओं में से एक है. एक समय “हिज रॉयल हाईनेस द ड्यूक ऑफ यॉर्क” के नाम से जाने जाने वाले एंड्रयू अब केवल एंड्रयू माउंटबैटन-विंडसर कहलाएंगे. यानी एक निजी नागरिक, जिनके पास अब कोई औपचारिक शाही विशेषाधिकार नहीं रहेंगे.

किस विवाद की वजह एंड्रयू को गंवाना पड़ा शाही खिताब?

दरअसल वर्जीनिया जीफ्रे द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बाद एंड्रयू की प्रतिष्ठा पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी. जीफ्रे ने आरोप लगाया था कि एंड्रयू ने जब वह 17 वर्ष की थीं, तब उनका यौन उत्पीड़न किया. लेकिन एंड्रयू ने हमेशा इससे इनकार किया. उन्होंने अपनी निर्दोषता बरकरार रखी थी और कहा था कि उन्हें “उससे मिलने की कोई याद नहीं है.” हालांकि एंड्रयू ने 2022 में इस मामले का निपटारा करने के लिए भारी भरकम धनराशि दी थी. हाल ही में वर्जीनिया जीफ्रे की किताब नोबॉडीज गर्ल का प्रकाशन हुआ, जिसमें उन्होंने इन आरोपों के बारे में विस्तार से बात की. 41 वर्षीय जीफ्रे ने अप्रैल 2025 में ऑस्ट्रेलिया में सुसाइड किया था. 

प्रिंस एंड्रयू के पास कौन-कौन से खिताब थे?

प्रिंस एंड्रयू के पास जन्म और सेवा दोनों के आधार पर कई प्रतिष्ठित उपाधियाँ थीं. 1960 में जन्म के समय उन्हें “हिज रॉयल हाईनेस प्रिंस एंड्रयू अल्बर्ट क्रिश्चियन एडवर्ड ऑफ यॉर्क” के रूप में जाना जाता था. रानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के दूसरे बेटे होने के नाते उन्हें “प्रिंस” और “हिज रॉयल हाईनेस (HRH)” की उपाधि स्वतः प्राप्त थी.

1986 में जब उन्होंने सारा फर्ग्यूसन से विवाह किया, तो रानी ने उन्हें पारंपरिक ड्यूकडम प्रदान किया और उन्हें “ड्यूक ऑफ यॉर्क” की उपाधि दी. साथ ही उन्हें “अर्ल ऑफ इनवरनेस” और “बैरन किलीलीघ” की उपाधियाँ भी दी गईं, जो क्रमशः इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड का प्रतिनिधित्व करती थीं.

इन विरासत में मिली उपाधियों के अलावा एंड्रयू के पास कई सैन्य और औपचारिक पद भी थे. जैसे “ऑनरेरी एडमिरल ऑफ द रॉयल नेवी”, “कर्नल ऑफ द ग्रेनेडियर गार्ड्स” और “ऑर्डर ऑफ द गार्टर” व “ऑर्डर ऑफ द थिसल” जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की सदस्यता. ये सभी पद न केवल शाही विशेषाधिकारों का प्रतीक थे, बल्कि ब्रिटिश सेना और औपचारिक संस्थानों में उनके दशकों के योगदान को भी दर्शाते थे.

उपाधियाँ छिन जाने के बाद एंड्रयू पर क्या असर पड़ेगा?

बिना किसी शाही या सैन्य उपाधि के, एंड्रयू ने अपने जीवन की सबसे पहचानने योग्य पहचान खो दी है. अब वे न तो किसी शाही कार्यक्रम में क्राउन का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, न ही सैन्य वर्दी पहन सकते हैं, और न ही Prince या Duke जैसी उपाधियाँ अपने नाम के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं. अब वे केवल एंड्रयू माउंटबैटन-विंडसर कहलाएंगे, वह पारिवारिक उपनाम जो रानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप ने अपनाया था. सार्वजनिक रिकॉर्ड और मीडिया में अब उनका नाम Prince या “Duke” के बिना ही दर्ज किया जाएगा.

हालाँकि इस फैसले से उनके उत्तराधिकार क्रम (line of succession) पर कोई असर नहीं पड़ेगा, वे अब भी सिंहासन के लिए आठवें स्थान पर हैं, लेकिन उन्हें शाही कर्तव्यों से पूरी तरह हटा दिया गया है. अब उन्हें टैक्स पेयर्स के पैसे से कोई सहायता नहीं मिलेगी और न ही वे किसी आधिकारिक भूमिका में दिखाई देंगे.

उनके परिवार पर क्या असर पड़ेगा?

यह फैसला केवल एंड्रयू तक सीमित है. उनकी बेटियाँ प्रिंसेस बीट्रिस और प्रिंसेस यूजिनी अपनी शाही उपाधियाँ और स्थान बनाए रखेंगी. क्योंकि उन्हें यह उपाधियाँ जन्म के समय रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने दी थीं, इसलिए ये उनके पिता की स्थिति से प्रभावित नहीं होतीं. हालाँकि, दोनों ही बेटियाँ पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक शाही जीवन से धीरे-धीरे दूर होती गई हैं.

किंग चार्ल्स पर बढ़ रहा था दबाव

हाल के महीनों में, एंड्रयू के आचरण को लेकर जनता की बढ़ती आलोचना और मीडिया के दबाव ने राजा पर कार्रवाई करने का दबाव डाला. शाही सूत्रों के अनुसार, चार्ल्स ने इस कदम को “क्राउन की गरिमा की रक्षा” और राजशाही की नैतिक साख बनाए रखने के लिए आवश्यक समझा. इस सप्ताह की शुरुआत में लिचफील्ड कैथेड्रल में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान किंग चार्ल्स को विरोध का सामना करना पड़ा था, जब एक प्रदर्शनकारी ने चिल्लाकर पूछा, “आप एंड्रयू और एप्स्टीन के बारे में कब से जानते थे?” और यह भी पूछा कि क्या राजा ने पुलिस से “एंड्रयू को बचाने” के लिए कहा था.

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