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ISIS के आतंकी ने पाकिस्तान में ली ट्रेनिंग, बॉर्डर पार करते ही हुआ गिरफ्तार, ऑन कैमरा किया पूरा खुलासा


ISIS Fighter arrested trained in Pakistan: पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आतंक को एक टूल की तरह इस्तेमाल करने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान की पोल एक बार खुली है. इस बार आईएसआईएस के एक आतंकी के पकड़े जाने से मामले का खुलासा हुआ है, जो अफगानिस्तान में हमला करने के प्रयास में था. उसने पाकिस्तान में ट्रेनिंग लिया और फिर अफगान बॉर्डर पार किया. अफगान सुरक्षा सूत्रों ने एक आईएसआईएस आतंकी सईदुल्लाह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, जिसने स्वीकार किया है कि उसने पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया था और बाद में तौरखम सीमा पार कर अफगानिस्तान में घुसपैठ की थी. 

तोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों द्वारा जारी एक वीडियो में गिरफ्तार आतंकी ने कबूल किया कि वह मोहम्मद नाम के नकली पहचान पत्र का उपयोग करके अफगानिस्तान में दाखिल हुआ था. सईदुल्लाह ने वीडियो में स्वीकार किया, जिसमें उसने वैचारिक ब्रेनवॉश और प्रशिक्षण में शामिल कुछ प्रमुख व्यक्तियों के नाम भी बताए. उसने कहा, “मैं पेशावर में तबलीगी सेंटर के पास एक मदरसे में पढ़ रहा था. वह मदरसा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था,” उसने दावा किया कि उसामा नाम का एक व्यक्ति उसे वैचारिक शिक्षा देता था, जबकि वह क्वेटा, बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाकों में हथियारों और लड़ाकू प्रशिक्षण से गुजर रहा था. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सईदुल्लाह ने बताया कि वह पेशावर लौट आया, लेकिन कुछ महीनों बाद नुसरत नाम के एक व्यक्ति ने उसे अफगानिस्तान में आईएसआईएस की शाखा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया.

नकली आईडी के सहारे पार किया बॉर्डर

सईदुल्लाह ने कहा, “जब मैंने मना किया, तो नुसरत ने मेरे लिए एक नकली अफगान तजकीरा (पहचान पत्र) बनाया और मुझे शरणार्थी के रूप में अफगानिस्तान भेज दिया. मैंने तौरखम के रास्ते सीमा पार की, जलालाबाद पहुंचा और मुझे नकाबपोश लोगों के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने कहा, ‘यह हमारा भाई है, पाकिस्तान से आया है.’” गिरफ्तार आतंकी ने यह भी बताया कि वह अफगानिस्तान में करीब 20 विदेशी लड़ाकों के साथ काम करता था, लेकिन बाद में उसने अपने कृत्यों पर पछतावा जताया और तालिबान के इस्लामी अमीरात के प्रति निष्ठा की शपथ ली.

फिर से खुली पाकिस्तान की पोल

इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर इस क्षेत्र में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर बहस को तेज कर दिया है, खासकर उसके ऊपर लगने वाले आरोपों को लेकर कि वह आतंकियों को शरण और प्रशिक्षण देता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि डूरंड लाइन के दोनों ओर आईएसआईएस के आतंकियों के मारे जाने या पकड़े जाने की घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि इस्लामाबाद (पाकिस्तान) अफगानिस्तान में अस्थिरता फैलाने में शामिल है.

सैन्य विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान को बताया पूरी तरह निर्दोष

सैन्य विशेषज्ञ यूसुफ अमीन जजई ने कहा, “मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि अफगानिस्तान न तो आतंकवाद का स्रोत है और न ही इसका केंद्र. ये आतंकवादी क्षेत्र से फंड प्राप्त करते हैं और विभिन्न नामों से काम करते हैं.” इसी तरह राजनीतिक विश्लेषक नकीबुल्लाह नूरी ने कहा, “यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के दावे झूठे हैं और अब यह साबित हो चुका है कि आतंकवादी प्रशिक्षण का केंद्र पाकिस्तान और उसकी सरकार ही है.”

पहले भी हो चुका है ISIS-पाकिस्तान संबंधों का खुलासा

इससे पहले, इस साल 22 जनवरी को अफगानिस्तान की सेंट्रल कमीशन फॉर सिक्योरिटी एंड क्लीयरेंस ने खुलासा किया था कि नए भर्ती किए गए आईएसआईएस लड़ाकों को कराची और इस्लामाबाद एयरपोर्ट्स से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कबायली इलाकों में स्थित प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जा रहा है. इन आतंकियों को क्षेत्रीय देशों, विशेष रूप से अफगानिस्तान में हमले करने के लिए तैयार किया जा रहा है.

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