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पुतिन का ‘सुनामी लाने वाला हथियार!’ रूस ने टेस्ट किया Poseidon 2M39, जानें इसकी ताकत


Russia Tested Poseidon 2M39 Nuclear: रात की तरह गहरा सागर, इसकी लहरें शांत और अटपटी सी. अब उसी अंधेरे में एक ऐसी चीज चल रही हो जो न सिर्फ विस्फोट कर दे, बल्कि उसके बाद समुद्र और जमीन दोनों को जहरीला बना दे. रूस ने वही किया जिसकी खबरें सुनकर दुनिया की सांसें थम जाएं. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि Poseidon 2M39 नाम का परमाणु-संचालित टॉरपीडो सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. इसे लोग “डूम्सडे अंडरवाटर ड्रोन” कह रहे हैं. मतलब एक ऐसा हथियार जो तटीय शहरों को सुनामी और रेडियोधर्मी प्रदूषण दोनों से बर्बाद कर सकता है.

Poseidon 2M39 क्या चीज है यह?

Poseidon कोई साधारण टॉरपीडो नहीं. यह एक न्यूक्लियर से चलने वाला पानी के नीचे का ड्रोन है. इसे ऐसे समझिये कि एक ऐसा बहुत तेज और लंबी दूरी तय करने वाला टॉरपीडो जो पारंपरिक ईंधन पर नहीं चलता, बल्कि अपने अंदर लगे छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर से चलता है. रूस का कहना है कि यह 100 नॉट यानी करीब 115 मील प्रति घंटा तक की रफ्तार पकड़ सकता है और गहरे पानी में काम कर सकता है जिससे इसे पकड़ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

Russia Tested Poseidon 2m39 Nuclear: इसका उद्देश्य और घातक क्षमता

रूस के दावों के मुताबिक Poseidon में काफी बड़े पैमाने का न्यूक्लियर वारहेड हो सकता है. कुछ विशेषज्ञों ने इसे “कई मेगाटन” तक का बताया है. इसका मकसद सिर्फ धमाका कर देना नहीं है. अगर यह किसी तटीय इलाके के पास पानी के अंदर फटा, तो नन्हीं-सी लहर नहीं मोटी सुनामी और रेडियोएक्टिव फैलाव की आशंका है. ऐसे में सिर्फ इमारतें ही नहीं, लोग, बंदरगाह और पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और इलाके दशकों तक रहने योग्य नहीं रह सकते.

सार्वजनिक खुलासा 2015 में हुआ था

Poseidon का पहला जिक्र 2015 में रूसी टीवी पर “लीक” हुआ था. बहुतों ने इसे महज अफवाह माना. फिर 2018 में पुतिन ने इसे औपचारिक तौर पर पेश किया उस वक्त वे छह बड़े “सुपरवेपन्स” की बात कर चुके थे. इन हथियारों में Burevestnik नाम की परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल भी शामिल है, जिसे रूस ने हाल की दिनों में सफल परीक्षण बताया. पुतिन ने इन हथियारों को “दुनिया में बेमिसाल” करार दिया.

टेस्ट का टाइमिंग संदेश किसे दिया गया?

यह टेस्ट मंगलवार को हुआ, ऐसा पुतिन ने कहा, पर परीक्षण के ज़्यादा तकनीकी विवरण उन्होंने साझा नहीं किए. यह भी दिलचस्प है कि यह घोषणा ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिका और रूस के रिश्ते नर्म नहीं हैं.हाल में ट्रम्प-पुतिन की मुलाकात के तनाव और यूक्रेन को लेकर बढ़े तनावों का माहौल है. रूस यह दिखाना चाहता है कि उसकी ताकत अब सिर्फ कूटनीति नहीं बल्कि नई और खतरनाक तकनीक है. कुछ विश्लेषक जिनमें क्रेमलिन के विशेषज्ञ दिमित्री ट्रेनिन भी हैं. कहते हैं कि यह संदेश है कि मॉस्को अब नरमी नहीं दिखाने वाला.

दुनिया की सुरक्षा पर क्या फर्क पड़ेगा?

Poseidon का सबसे बड़ा मतलब है इसकी “दूसरी स्ट्राइक” क्षमता. यानी अगर किसी देश ने रूस पर पहला हमला कर दिया, तो Poseidon जैसे अंडरवाटर हथियार जवाब में दुश्मन की तटीय संपत्ति और शहरों को तबाह कर सकते हैं. इससे NATO या किसी भी देश के पारंपरिक मिसाइल-डिफेंस की योजना पर असर पड़ेगा, क्योंकि अब खतरा ऊपर से नहीं बल्कि नीचे से भी आ सकता है. देशों को अब समुद्र की निगरानी और सुरक्षा पर नए तरीके सोचना होंगे वरना वे “अदृश्य” हमलों के सामने नाकाम रह सकते हैं.

कितनी सच्चाई और कितनी दहशत?

यह भी साफ है कि कुछ दावे अभी पूरी तरह सत्यापित नहीं हैं. रूस ने कई तकनीकी बातें गोपनीय रखी हैं वास्तविक रफ्तार, गहराई, वारहेड की सटीक ताकत और कितनी यूनिट्स तैनात हैं, इन सब पर खुलकर जानकारी नहीं दी गई. कुछ पश्चिमी विशेषज्ञ मानते हैं कि “रेडियोएक्टिव सुनामी” का असर बहुत हद तक सिद्धांत पर आधारित हो सकता है और उपकरण अभी पूरी तरह कार्यान्वित नहीं हुआ होगा. फिर भी, पुतिन के बयान और हालिया परीक्षणों ने दुनिया को चेताने के लिए काफी सबूत दे दिए हैं.

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