जमीन के 100 मील नीचे से चमत्कार! बोत्सवाना की खान से निकला आधा गुलाबी हीरा, देखकर वैज्ञानिक भी रह गए दंग
Botswana Mine Discovery: कहते हैं धरती के अंदर कई रहस्य छिपे हैं. हर बार जब कोई खान खोदी जाती है, तो सिर खनिज नहीं, बल्कि इतिहास भी बाहर आता है. अफ्रीकी देश बोत्सवाना में भी ऐसा ही एक चमत्कार सामने आया है. वहां की एक खान से एक ऐसा हीरा मिला है जो बीच से दो हिस्सों में बंटा हुआ है एक हिस्सा चमकदार गुलाबी और दूसरा हिस्सा पूरी तरह पारदर्शी.
इस दुर्लभ खोज को अंजाम दिया है Lucara Diamond Corp ने. यह हीरा बोत्सवाना की मशहूर करोवे खान (Karowe mine) से निकला है, जो दुनिया के सबसे शानदार और बड़े हीरों के लिए जानी जाती है. इस समय यह हीरा Gemological Institute of America (GIA) के पास है, जहां वैज्ञानिक इसका बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं. बोत्सवाना वैसे भी दुनिया के कुल हीरा उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा अकेले देता है. ऐसे में वहां से मिली यह खोज पूरी दुनिया के लिए बड़ी खबर है.
दो युगों में बनी धरती की यह कलाकृति
अब जरा सोचिए, कोई हीरा एक ही समय में नहीं, बल्कि दो अलग-अलग दौर में बने तो वह कितना अनोखा होगा. यही हुआ इस हीरे के साथ. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दो भूगर्भीय घटनाओं (geological events) के दौरान बना. यानि यह धरती के अंदर 100 मील से भी ज्यादा गहराई में लाखों सालों तक आकार लेता रहा.
GIA की सीनियर वैज्ञानिक सैली ईटन-मगाना बताती हैं कि संभावना है कि यह हीरा शुरू में पूरी तरह रंगहीन था, लेकिन जब पृथ्वी के अंदर पहाड़ बनने जैसी कोई बड़ी प्रक्रिया हुई, तो उस दबाव में इसकी संरचना बदली और उसका एक हिस्सा गुलाबी हो गया. बाद में इसका रंगहीन हिस्सा बना. यानी इस हीरे का गुलाबी भाग धरती की हलचल का नतीजा है, और पारदर्शी भाग उस समय का जब सब शांत था. यह हीरा अपने भीतर धरती के दो अलग-अलग युगों की कहानी समेटे हुए है.
Botswana Mine Discovery: गुलाबी रंग का हीरा मिलना बेहद मुश्किल है
गुलाबी हीरे वैसे भी बहुत दुर्लभ होते हैं. आमतौर पर धरती से ज्यादातर भूरे (brown) या पीले हीरे निकलते हैं, लेकिन गुलाबी रंग का हीरा मिलना बेहद मुश्किल है. ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी (Curtin University) के वैज्ञानिक ल्यूक डूसैट (Luc Doucet) बताते हैं कि गुलाबी हीरे प्रकृति का ‘गोल्डीलॉक्स इफेक्ट’ हैं. जैसे कहानी में गोल्डीलॉक्स को हर चीज न ज्यादा चाहिए, न कम. वैसे ही गुलाबी हीरे को बनने के लिए दबाव और तापमान का बिल्कुल सही संतुलन चाहिए. अगर जरा भी गड़बड़ी हुई, तो रंग गुलाबी की जगह भूरा हो जाता है. यानी गुलाबी हीरे प्रकृति की सबसे बारीक गणना का नतीजा हैं. जरा-सा फर्क, और रंग बदल जाता है.
हीरे रंग कैसे पकड़ते हैं?
आम तौर पर हीरे शुद्ध कार्बन (carbon) से बनते हैं, इसलिए वे पारदर्शी होते हैं. लेकिन जब उनके आसपास कुछ और तत्व मौजूद होते हैं, तो उनकी रेडिएशन या प्रभाव से हीरे का रंग बदल सकता है. उदाहरण के लिए समझे तो इसका मतलब है कि अगर आसपास यूरेनियम (Uranium) है, तो उसकी रेडिएशन हीरे की संरचना में थोड़ी कमी पैदा कर देती है, जिससे रंग हरा हो जाता है. अगर नाइट्रोजन (Nitrogen) हो, तो रंग पीला और अगर बोरॉन (Boron) हो, तो रंग नीला बन जाता है.
लेकिन गुलाबी हीरे इनमें से किसी से नहीं बनते. इनमें कोई अशुद्ध तत्व नहीं होता. वैज्ञानिकों के अनुसार, गुलाबी रंग तब आता है जब पृथ्वी के अंदर ज्यादा दबाव से हीरे की संरचना मुड़ जाती है (structural deformation). यानी जब धरती का दबाव और तापमान एकदम ठीक अनुपात में हों, तभी वह गुलाबी रंग लेता है. अगर यह दबाव जरा भी ज्यादा हुआ, तो गुलाबी रंग की जगह भूरा रंग बन जाता है. इसलिए गुलाबी हीरे का बनना बहुत ही संवेदनशील प्रक्रिया है.
34 कैरेट का प्राकृतिक करिश्मा
यह हीरा करीब 34 कैरेट का है यानी बड़ा, भारी और बेहद कीमती. इतना ही नहीं, इसमें दो अलग-अलग रंगों का मिलना इसे प्राकृतिक दुनिया का चमत्कार बना देता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा दो रंगों वाला हीरा (bi-coloured diamond) प्रकृति में लगभग “असुना” है. GIA के वैज्ञानिक मानते हैं कि यह हीरा एक तरह से धरती का रिकॉर्ड बुक है जिसमें लाखों सालों से चली आ रही भूगर्भीय गतिविधियों के निशान दर्ज हैं.
क्यों अहम है यह खोज?
यह खोज सिर्फ ज्वेलरी के लिए नहीं, बल्कि विज्ञान के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस हीरे के दोनों हिस्से गुलाबी और पारदर्शी धरती के दो अलग-अलग दौरों और परिस्थितियों का सबूत हैं. इससे वैज्ञानिक यह समझ पाएंगे कि पृथ्वी के अंदर दबाव, तापमान और खनिजों की गति हीरों के बनने को कैसे प्रभावित करती है. Lucara Diamond Corp का कहना है कि यह खोज दिखाती है कि धरती की गहराइयों में अभी भी ऐसे कई रहस्य छिपे हैं जिन्हें हम समझ नहीं पाए हैं.
ये भी पढ़ें:
बहन की मौत से परेशान होकर दुबई में चुरा लिया सोने का हार, अदालत ने ठोक दिया 350000 का जुर्माना
लंदन से 5 साल बाद घर लौटी महिला का छलका दर्द, कहा- भारत में तनख्वाह के अलावा सब कुछ