EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

सात अजूबों से बाहर होने की कगार पर है माचू पिच्चू! न्यू7वंडर्स ने दी सख्त चेतावनी


Machu Picchu Crisis: कल्पना कीजिए, आपने पेरू का टिकट कटवा लिया. पहाड़ों से गुजरते हुए, इंका साम्राज्य की रहस्यमयी दुनिया में कदम रखते ही आपको दिखे माचू पिच्चू. ये वही जगह है जिसे 2007 में पूरी दुनिया ने वोट देकर नए सात अजूबों में जगह दिलाई थी. करोड़ों लोग इसे देखने आते हैं. लेकिन अब यही माचू पिच्चू मुश्किल में है.न्यू7वंडर्स फाउंडेशन ने साफ चेतावनी दी है कि“अगर हालात नहीं सुधरे तो ये खिताब छिन सकता है.”

Machu Picchu Crisis in Hindi: माचू पिच्चू आखिर है क्या?

ये 15वीं सदी के इंका साम्राज्य का खंडहर है. समंदर तल से 7,970 फीट की ऊंचाई पर, कुज्को से करीब 80 किलोमीटर दूर. 1911 में येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हायरम बिंघम लोकल गाइड के साथ यहां पहुंचे और तब दुनिया को इसके बारे में पता चला. 1983 में UNESCO ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया. आज ये पेरू का सबसे बड़ा टूरिस्ट अट्रैक्शन है, जहां हर साल 15 लाख से ज्यादा लोग आते हैं. मतलब रोजाना औसतन 5,000 विजिटर.

New7Wonders Warning Tourism Peru: सबसे बड़ी समस्या – ओवरटूरिज्म

इतने टूरिस्ट आते हैं कि साइट घिस रही है. कचरे का ढेर लग जाता है. आसपास रहने वालों को रोजमर्रा की दिक्कतें बढ़ गई हैं जैसे महंगाई, जाम और भीड़. Travel and Tour World (10 मिलियन रीडर्स वाला प्लेटफॉर्म) ने तो इस साल इसे डाउनग्रेड कर दिया और कहा कि“अब यहां आना झंझट के लायक नहीं.”

पेरू सरकार ने हालात संभालने की कोशिशें की हैं इनमें शामिल है इंका ट्रेल साल में एक बार मरम्मत के लिए बंद किया जाता है. टिकट एडवांस में लेना अनिवार्य है. गाइड के साथ 10 लोगों के छोटे ग्रुप ही अंदर जाते हैं और विज्ट चार घंटे से ज्यादा नहीं होती. बाथरूम और कचरा निस्तारण की सुविधा बढ़ाई गई है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये कदम अभी भी पर्याप्त नहीं हैं. भीड़ का दबाव अगर जारी रहा तो साइट को स्थायी नुकसान हो सकता है.

पढ़ें: समुंदर में छुपा है अरबों का सोना, लेकिन निकालना नामुमकिन! वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

लोकल कॉन्फ्लिक्ट और प्रोटेस्ट

समस्या सिर्फ टूरिज्म नहीं है. हाल ही में भारी विरोध-प्रदर्शन के कारण हालात और बिगड़े. रॉयटर्स और सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पेरू रेल सर्विस बंद करनी पड़ी क्योंकि लोकल लोगों ने ट्रैक पर लकड़ी और पत्थर डाल दिए. इससे 900 से ज्यादा टूरिस्ट वहीं फंस गए अमेरिकी दूतावास ने यहां तक वॉर्निंग जारी कर दी कि माचू पिच्चू और आसपास का इलाका सुरक्षित नहीं है. लगभग 1,400 टूरिस्ट रातों-रात निकाले गए, लेकिन फिर से ब्लॉकेज हो गया और कई और लोग फंस गए.

क्या सच में लिस्ट से बाहर होगा माचू पिच्चू?

न्यू7वंडर्स फाउंडेशन ने पेरू सरकार को लेटर लिखकर कहा है कि अगर लोकल कंफ्लिक्ट और ओवरटूरिज्म नहीं रुके तो माचू पिच्चू को नए सात अजूबों की लिस्ट से हटाया भी जा सकता है. हालांकि न्यू7वंडर्स के डायरेक्टर जीन-पॉल डी ला फ़ुएंते ने सीएनएन को बताया,“ये अभी प्रीमेच्योर है. लेकिन ये अलार्म बेल है. हमें उम्मीद है कि सरकार और लोकल लोग मिलकर लंबी अवधि का हल निकालेंगे.”

ये भी पढ़ें: काहिरा के म्यूजियम से 3,000 साल पुराना फराओ का सोने का कड़ा गायब, मिस्र में हड़कंप- क्या तस्करों ने रचा है बड़ा खेल?

UNESCO का टैग तो सुरक्षित है

यहां एक बात साफ कर लें. UNESCO का वर्ल्ड हेरिटेज स्टेटस अलग है और उस पर कोई खतरा नहीं है. पेरू के कल्चर मिनिस्ट्री ने X पर लिखा कि “UNESCO ही असली बॉडी है जो वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स को प्रोटेक्ट करती है. माचू पिच्चू की प्रोटेक्शन और प्रिजर्वेशन वॉयलेट नहीं हो रही.” जुलाई 2025 में पेरिस में हुई UNESCO की मीटिंग में पेरू की विज्टर मैनेजमेंट पॉलिसी और कंजर्वेशन टूल्स की तारीफ भी की गई.

माचू पिच्चू फिलहाल UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में सुरक्षित है. लेकिन New Seven Wonders वाली ग्लैमर पोजिशन पर संकट है. सरकार और लोकल लोग अगर मिलकर समाधान नहीं निकालते तो ये दर्जा हाथ से निकल सकता है.