US Corn Exports Top Countries: अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता के मंच पर चर्चा शुरू होने से पहले ही वॉशिंगटन ने अपनी दबाव वाली रणनीति साफ दिखा दी है. अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने चेतावनी दी है कि अगर भारत अमेरिकी मक्का खरीदने से इंकार करता है, तो उसे अमेरिकी बाजार तक अपनी पहुंच खोने का खतरा है. Axios के साथ इंटरव्यू में लुटनिक ने कहा कि भारत अगर अपने टैरिफ कम नहीं करता, तो उसे “कठिन समय” का सामना करना पड़ सकता है.
लुटनिक ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका का व्यापारिक रिश्ता एकतरफा है. उनके मुताबिक, भारत अमेरिका से सब कुछ खरीदता है, लेकिन अपने बाजार में अमेरिकी वस्तुओं को आने नहीं देता. “1.4 अरब लोग हैं भारत में, तो फिर 1.4 अरब लोग अमेरिकी मक्का क्यों नहीं खरीदते?” उन्होंने सवाल उठाया. उनका कहना है कि भारत हर चीज पर टैरिफ लगाता है और अमेरिकी मक्का पर खुला बाजार नहीं देता.
US Corn Exports Top Countries: जानिए कौन-कौन से देश खा रहे हैं सबसे ज्यादा
अब बात करते हैं मक्का की. कृषि की दुनिया में मक्का का नाम सुनते ही अमेरिका सबसे पहले दिमाग में आता है. क्योंकि अमेरिका सिर्फ मक्का उगाने में ही नहीं, बल्कि इसे दुनिया भर में भेजने में भी सबसे आगे है. 2024-25 के अमेरिकी मक्का निर्यात आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका ने कुल 2.55 बिलियन बुशल मक्का दुनिया को बेचा, जिसकी कीमत $14.34 बिलियन रही, यानी पिछले साल से 5% ज्यादा.
लेकिन सवाल ये है कि यह मक्का आखिर कहां जाता है? कौन हैं वो देश जो अमेरिकी मक्का के सबसे बड़े फैन हैं? आइए जानते हैं अमेरिका के टॉप 10 मक्का आयातक देश के बारे में.
- मैक्सिको – अमेरिका का नंबर वन मक्का आयातक. 2024 में मैक्सिको ने 25.33 मिलियन टन मक्का खरीदा, कीमत $5.70 बिलियन. कुल निर्यात का लगभग 40% हिस्सा सिर्फ मैक्सिको को गया.
- जापान – दूसरा सबसे बड़ा आयातक. 2024 में 12.48 मिलियन टन मक्का लिया, कीमत $2.78 बिलियन. जापान के लिए अमेरिकी मक्का अब एक भरोसेमंद सप्लाई बन चुका है.
- कोलंबिया – तीसरे नंबर पर. 7.03 मिलियन टन, कीमत $1.56 बिलियन. अमेरिका का मक्का कोलंबिया की खाद्य और कृषि जरूरतों को पूरा कर रहा है.
- दक्षिण कोरिया – 2024 में 3.01 मिलियन टन, कीमत $703.72 मिलियन.
- कनाडा – करीब 2.17 मिलियन टन, कीमत $620.53 मिलियन.
- ताइवान – 1.66 मिलियन टन, कीमत $386.19 मिलियन.
- चीन – धीरे-धीरे बढ़ता हुआ आयात. 1.39 मिलियन टन, कीमत $330.93 मिलियन.
- ग्वाटेमाला – 1.30 मिलियन टन, कीमत $289.41 मिलियन.
- स्पेन – 1.22 मिलियन टन, कीमत $247.68 मिलियन.
- सऊदी अरब – 1.03 मिलियन टन, कीमत $242.88 मिलियन.
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तो सवाल यह कि क्या भारत टॉप 10 में है? उत्तर है नहीं. भारत अभी अमेरिका के मक्का निर्यात में शीर्ष आयातकों में शामिल नहीं है. अमेरिका सिर्फ मक्का उगाने में ही मास्टर नहीं है, बल्कि निर्यात में भी वह दुनिया का सबसे बड़ा खिलाड़ी है. मैक्सिको से लेकर सऊदी अरब तक, अमेरिकी मक्का हर कोने में पहुंच रहा है. आने वाले सालों में तकनीक और कृषि पद्धतियों की मदद से अमेरिका और भी अधिक मक्का का निर्यात करेगा और विश्व बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करेगा.
वर्तमान में आंकड़े बताते हैं कि भारत अभी भी अमेरिकी मक्का का बड़ा ग्राहक नहीं बना है. जबकि मैक्सिको, जापान और कोलंबिया जैसे देश अमेरिका के निर्यात का मुख्य आधार हैं. भारत अपने टैरिफ और बाजार शर्तों पर कायम है. अमेरिकी दबाव के बावजूद, यह व्यापारिक रिश्ता फिलहाल एकतरफा और संतुलित नहीं दिखता.
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