Nepal 5 Unique Wonders: नेपाल, भारत का पड़ोस का छोटा सा देश. लेकिन इस वक्त यहां जो हो रहा है, वो किसी भी बड़े मुल्क की राजनीति को टक्कर दे सकता है. काठमांडू की सड़कों पर बीते हफ्तों से ऐसा तूफ़ान मचा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी तक हिल गई. और ये सब किसने किया? न बंदूकधारी सेना ने, न कोई बड़ी पार्टी ने. इस बार मैदान में थे Gen Z – यानी 90s के बाद जन्मी वो पीढ़ी, जो सोशल मीडिया और इंटरनेट पर पली-बढ़ी है.
नेपाल की कहानी दो हिस्सों में बंटी है. पहला हिस्सा – सियासी गदर, जहां सोशल मीडिया बैन ने युवाओं को इतना भड़काया कि पूरा देश आग में झुलस गया. दूसरा हिस्सा – नेपाल की वो पांच खासियतें, जो इसे पूरी दुनिया से अलग बनाती हैं. आइए, दोनों किस्सों को एक अलग अंदाज में समझते हैं.
कैसे शुरू हुआ बवाल?
एक दिन अचानक नेपाल सरकार ने फैसला लिया – पूरे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन. फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब – सभी की छुट्टी. तर्क दिया गया कि ये कंपनियां रजिस्ट्रेशन नहीं करा रही थीं. लेकिन युवाओं को इसमें साजिश दिखी. उन्होंने कहा – “ये हमारी आवाज दबाने का तरीका है.” और बस, यही बात चिंगारी बनी.
संसद से होटल तक आग
बैन के खिलाफ विरोध इतना तेज हुआ कि संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आगजनी हो गई. प्रधानमंत्री ऑफिस और सिंगदरबार जैसे बड़े सरकारी ठिकाने निशाने पर आ गए. गुस्सा इतना बढ़ा कि होटल हिल्टन और हयात तक में आगजनी हुई. पुलिस ने हालात संभालने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. आंसू गैस छोड़ी गई, रबर की गोलियां दागी गईं, पानी की बौछारें चलीं. लेकिन आंदोलनकारियों का जोश कम होने की बजाय और बढ़ता चला गया.
शुरुआती खबरों में कहा गया कि 19 लोग मारे गए. लेकिन धीरे-धीरे ये संख्या बढ़ते-बढ़ते 70 से ऊपर पहुंच गई. हजारों लोग घायल हुए. पूरा नेपाल दहल गया. इतना दबाव बना कि सरकार को सोशल मीडिया बैन वापस लेना पड़ा. गृहमंत्री ने इस्तीफा दे दिया. और आखिरकार, प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी.
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नया चेहरा – पहली महिला पीएम
इस सियासी गदर के बीच इतिहास बना. नेपाल को पहली महिला प्रधानमंत्री मिलीं – सुशीला कार्की. हालांकि ध्यान रहे, ये सिर्फ 6 महीने की इंटरिम सरकार है. असली चुनाव 5 मार्च 2026 को होने वाले हैं.
आंदोलनकारियों की मांगों पर सरकार को झुकना पड़ा. जिनकी जान गई, उन्हें “शहीद” का दर्जा मिला. परिवारों को मुआवजे का ऐलान हुआ.और सबसे बड़ी जीत कि सोशल मीडिया बैन हटाना पड़ा.
लेकिन Gen Z का गुस्सा यहीं नहीं थमा. उनका कहना है कि ये सिर्फ फेसबुक-इंस्टा का मामला नहीं है. हम भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नेताओं की ऐय्याशी से तंग आ चुके हैं. साफ है, नेपाल के युवाओं ने सिर्फ इंटरनेट नहीं, पूरी राजनीतिक व्यवस्था को चुनौती दी है.
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Nepal 5 Unique Wonders: नेपाल की पांच यूनिक बातें
राजनीतिक हलचल से हटकर अब बात करते हैं नेपाल की उन पांच खूबियों की, जो इसे दुनिया से अलग और खास बनाती हैं.
1. झंडा – आयताकार नहीं है भाई
दुनिया के सारे मुल्क चौकोर या आयताकार झंडा इस्तेमाल करते हैं. लेकिन नेपाल का झंडा दो त्रिकोणों से बना है. ये दुनिया का इकलौता नॉन-रेक्टैंगुलर नेशनल फ्लैग है.
2. दुनिया की सबसे ऊंची चोटियां
माउंट एवरेस्ट – 8,848.86 मीटर ऊँचा. लेकिन एवरेस्ट ही नहीं, दुनिया की 14 सबसे ऊंची चोटियों में से आठ नेपाल में हैं. यानी ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए असली स्वर्ग यही है.
3. विक्रम संवत – अपना कैलेंडर
जहां पूरी दुनिया ग्रेगोरियन कैलेंडर से चलती है, नेपाल का अपना खास कैलेंडर है – विक्रम संवत. त्योहार-त्योहार इसी के हिसाब से मनाए जाते हैं.
4. काठमांडू घाटी – धरोहरों का खजाना
काठमांडू घाटी सिर्फ भीड़भाड़ नहीं, बल्कि विरासत का घर है. यहां यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की लिस्ट में सात स्मारक-समूह दर्ज हैं. दरबार स्क्वायर, पशुपतिनाथ और बौद्धनाथ स्तूप – हर जगह इतिहास और संस्कृति की झलक मिलती है.
5. गोरखा – नाम ही काफी है
गोरखा सैनिकों की बहादुरी दुनिया भर में मशहूर है. ब्रिटिश आर्मी से लेकर भारतीय सेना तक, इनकी वीरता की मिसाल दी जाती है. “जय महाकाली, आयो गोरखाली” का नारा सुनते ही दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं.
बोनस बातें
नेपाल की खासियत सिर्फ इतनी नहीं. यहां है लुम्बिनी – भगवान बुद्ध की जन्मस्थली. जनकपुर का जानकी मंदिर – जिसे नौ लाखा मंदिर कहा जाता है. लुक्ला एयरपोर्ट – जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक हवाई अड्डा माना जाता है.