ओसामा की पत्नियों के साथ पाकिस्तान ने क्या किया? पूर्व राष्ट्रपति के सहयोगी ने खोले चौंकाने वाले राज
Osama Bin Laden Wives: 2 मई 2011 की सुबह वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के लिहाज से एक मील का पत्थर बन गई. अमेरिकी नेवी SEALs ने सिर्फ 40 मिनट के ऑपरेशन में पाकिस्तान के एबटाबाद में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. वही ओसामा, जिसने 9/11 के हमलों की मास्टरमाइंड की थी. यह कार्रवाई न सिर्फ अमेरिका की ताकत दिखाने वाली थी, बल्कि पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवालों और आलोचनाओं का कारण भी बनी.
ओसामा कैसे रहा इतने साल छुपा?
सबसे बड़ा सवाल यह था कि बिन लादेन सालों तक पाकिस्तान के एक गढ़ शहर में, सेना और सुरक्षा तंत्र के इतने करीब, कैसे छुपा रहा. इसके अलावा यह भी जानना रोचक था कि उसके परिवार और खासकर उसकी पत्नियों का क्या हुआ. इस रहस्य पर कई सालों तक सस्पेंस बना रहा.
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Osama Bin Laden Wives: CIA की हेरफेर और पाकिस्तान की शर्म
नई किताब “The Zardari Presidency: Now It Must Be Told” में फरहतुल्लाह बाबर जो पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पूर्व प्रवक्ता रहे हैं और उन्होनें खुलासे किए हैं. उनके अनुसार, बिन लादेन की मौत के तुरंत बाद पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी पत्नियों को हिरासत में लिया. लेकिन कुछ ही दिनों में CIA की टीम को सीधे एबटाबाद कैंटोनमेंट में महिलाओं से पूछताछ करने की अनुमति मिली. बाबर इसे पाकिस्तान के लिए राष्ट्रीय अपमान बताते हैं. अमेरिकी एजेंटों ने पाकिस्तान की जमीन पर बिना रोक-टोक के काम किया और सेना-सरकार दबाव में नजर आई.
ऑपरेशन के बाद अमेरिका के बड़े नेता, जैसे हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर जॉन केली, पाकिस्तान पहुंचे. उस वक्त इस्लामाबाद को बस इतना चाहिए था कि अमेरिका भविष्य में ऐसे एकतरफा स्ट्राइक न करे. बाबर के अनुसार, अमेरिका ने कोई स्पष्ट गारंटी नहीं दी. इसने पाकिस्तान की स्थिति और भी जटिल और शर्मनाक बना दी.
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CIA का पहले से पूरा इंटेलिजेंस
सबसे चौंकाने वाली बात यह कि CIA को पहले से ही बिन लादेन के एबटाबाद छिपने के ठिकाने की पूरी जानकारी थी. बाबर के अनुसार, अमेरिकी एजेंसी को यह भी पता था कि उस कॉम्पाउंड को किस ठेकेदार ने बनाया था. यानी मिशन सिर्फ इमरजेंसी नहीं था, बल्कि पहले से योजना बद्ध और पूरी तरह से तैयार था.
पाकिस्तान की हार और वैश्विक संदेश
इस पूरी घटना ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को झटका दिया. एक ओर अमेरिका की ताकत और तैयारियों का खुलासा हुआ, दूसरी ओर पाकिस्तान के नेतृत्व और सुरक्षा तंत्र की असफलता और दबाव में झुकने की कहानी सामने आई. यह ऑपरेशन दुनिया को दिखाता है कि कैसे आतंकवादी लंबे समय तक छिप सकते हैं और कैसे बड़े देशों की रणनीतियाँ किसी भी क्षण निर्णायक साबित हो सकती हैं.