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सुप्रीम कोर्ट केस पर ट्रंप का दावा- टैरिफ हटे तो देश को भारी झटका, ‘अमीर बनने का मौका’ जाएगा हाथ से


Trump Warns: अमेरिका में व्यापार टकराव और टैरिफ पर छिड़ी कानूनी जंग अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर अदालत उनकी नीतियों को पलट देती है तो देश को “बेहद बड़ा नुकसान” उठाना पड़ेगा और अमेरिका “अविश्वसनीय रूप से अमीर बनने का मौका” खो देगा. हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि इस मामले में सरकार को बड़ी जीत मिलेगी. ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “हमारे पास सुप्रीम कोर्ट में बहुत बड़ा केस है. हमारा देश फिर से अमीर बनने का मौका रखता है. लेकिन अगर हम यह केस हार गए तो देश को भारी कष्ट झेलना पड़ेगा. मुझे भरोसा है कि हमें बड़ी जीत मिलेगी.” (Trump Warns US Will Suffer If Supreme Court Overturns Tariffs)

Trump Warns: अपीलीय अदालत ने ज्यादातर टैरिफ को अवैध बताया

पिछले हफ्ते अमेरिकी अपीलीय अदालत (US Court of Appeals for the Federal Circuit, वॉशिंगटन डीसी) ने 7-4 के फैसले में ट्रंप प्रशासन के ज्यादातर टैरिफ को अवैध करार दिया. यह फैसला अप्रैल में लगाए गए “रिसिप्रोकल टैरिफ” से जुड़ा था. साथ ही फरवरी में चीन, कनाडा और मैक्सिको पर लगाए गए उन टैरिफ से भी, जिनका मकसद घातक नशीली दवा फेंटानिल के आयात पर रोक लगाना था. इस फैसले के खिलाफ ट्रंप कैबिनेट के कई सदस्य, जिनमें वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट भी शामिल हैं, ने चेताया कि अदालत का आदेश अमेरिका की विदेश नीति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.

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Scott Bessent Backup Plan: बैकअप प्लान भी तैयार

वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि अगर सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के अधिकार को बरकरार नहीं रखता, तो प्रशासन ने वैकल्पिक योजना भी बनाई है. ट्रंप ने 1977 के International Emergency Economic Powers Act (IEEPA) के तहत व्यापक टैरिफ लगाए थे. बेसेंट ने कहा, “मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के अधिकार को मान्यता देगा. अन्य कानूनी रास्ते भी हैं, लेकिन वे इतने प्रभावी और शक्तिशाली नहीं होंगे.”

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US Trade War Supreme Court: ‘फेंटानिल रोकने की तात्कालिकता’ पर जोर

बेसेंट ने रॉयटर्स से बातचीत में बताया कि वह अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के लिए एक कानूनी ब्रीफ तैयार कर रहे हैं. इसमें दशकों से जारी व्यापार असंतुलन को दूर करने और अमेरिका में घातक फेंटानिल के प्रवाह को रोकने की तात्कालिकता को विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा. कुल मिलाकर, ट्रंप प्रशासन के लिए यह मामला सिर्फ व्यापार नीति ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी व्यापार संतुलन और घरेलू राजनीति से भी गहराई से जुड़ा हुआ है. अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर हैं, जहां से आने वाला फैसला अमेरिका की आर्थिक दिशा तय कर सकता है.