‘ड्रैगन’ ने दिखाई तबाही की ताकत, विक्ट्री डे परेड में चीन की DF-61 से लेकर YJ-17 तक की घातक मिसाइलें देख Putin-Kim दंग
China Victory Day Parade: द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ पर चीन ने बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड की. इस परेड के जरिए चीन ने न केवल अपनी सैन्य क्षमता का भव्य प्रदर्शन किया, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि उसकी सेना अब पूरी तरह आधुनिक, आक्रामक और तकनीकी दृष्टि से सक्षम हो चुकी है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ इस मंच पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन भी देखकर हैरान थे. चीन के इस आयोजन को वैश्विक राजनीतिक संदेश में बदल दिया.
China Victory Day Parade in Hindi: पहली बार दिखीं इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें
इस परेड की सबसे बड़ी खासियत रही डोंग फेंग-61 (DF-61) और डोंग फेंग-31BJ जैसी परमाणु क्षमता से लैस मिसाइलों का प्रदर्शन. चीन ने पहली बार इन्हें दुनिया के सामने रखा. JL-3 और DF-5C जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें भी दिखाई गईं. DF-5C की मारक क्षमता 13,000 किलोमीटर से अधिक बताई जाती है, जिससे चीन ने यह संकेत दिया कि उसकी पहुंच पश्चिम तक हो चुकी है.
STORY | China displays modern weaponry for first time in its mega military parade
China on Wednesday unveiled for the first time some of its modern weaponry, including jet fighters, missiles and latest electronic warfare hardware, showcasing its military might. Twenty-six… pic.twitter.com/ANZJQUhYs2
— Press Trust of India (@PTI_News) September 3, 2025
हाइपरसोनिक हथियारों की ताकत
चीन ने परेड में YJ-सीरीज की हाइपरसोनिक मिसाइलें (YJ-15, YJ-17, YJ-19 और YJ-20) भी प्रदर्शित कीं, जिन्हें “यिंग जी” या “ईगल अटैक” कहा जाता है. ये जहाजों और विमानों से दागी जा सकती हैं और बड़े दुश्मन जहाजों को आसानी से निशाना बना सकती हैं. इसके अलावा DF-17, DF-26D और CJ-1000 जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों ने भी चीन की नई तकनीकी क्षमता को सामने रखा.
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वायुसेना की नई झलक
परेड की शुरुआत Y-20A और Y-20B ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से हुई. इनमें से Y-20A रूसी इंजन से जबकि Y-20B चीन में बने इंजन से संचालित है. इसके बाद KJ-500A और KJ-600 जैसे एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम दिखाए गए. KJ-500A AESA रडार तकनीक से लैस है और एक साथ 100 टारगेट ट्रैक कर सकता है, जबकि KJ-600 चीन का पहला कैरियर-आधारित AWACS है.
China’s hypersonic anti-ship missiles, including YingJi-19, YingJi-17 and YingJi-20, passed through Tian’anmen Square in Wednesday’s V-Day parade. The formation also included YingJi-15 missile. pic.twitter.com/oyZKJQD47t
— China Xinhua News (@XHNews) September 3, 2025
स्टील्थ फाइटर जेट्स और ड्रोन
परेड में ट्विन-सीट J-20S और J-35 फाइटर जेट्स भी दिखाई दिए. J-20S की खासियत यह है कि यह ड्रोन को कंट्रोल कर सकता है, जबकि J-35 को एयरक्राफ्ट कैरियर और जमीन दोनों से ऑपरेट किया जा सकता है. दोनों ही स्टील्थ तकनीक से लैस हैं. इसके अलावा पहली बार PLA ने अपने अनमैन्ड सिस्टम्स भी प्रदर्शित किए. इनमें माइन्स हटाने और स्ट्राइक करने वाले ड्रोन शामिल थे. GJ-11 “लॉयल विंगमैन” ड्रोन पर भी सबकी नजरें टिकी रहीं.
अन्य घातक हथियार
इस परेड में HQ-20 एयर डिफेंस सिस्टम, HQ-29 एंटी-बैलिस्टिक इंटरसेप्टर, HQ-11 शॉर्ट-रेंज डिफेंस, YJ-15, YJ-19 और YJ-20 मिसाइलें, PHL-16 (चाइनीज HIMARS), टाइप 99B मेन बैटल टैंक और H-6J लॉन्ग-रेंज बॉम्बर भी शामिल थे. यह सब मिलकर चीन की वायुसेना, नौसेना और रॉकेट फोर्स की ताकत को एक साथ दर्शाते हैं.
वैश्विक नेताओं की मौजूदगी
इस आयोजन की खासियत केवल हथियार नहीं थे. शी जिनपिंग के साथ मंच पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के किम जोंग उन मौजूद थे. पुतिन और शी ने इस अवसर पर गैस सप्लाई को लेकर दीर्घकालिक समझौता किया. वहीं, किम जोंग उन बख्तरबंद ट्रेन से बीजिंग पहुंचे और मिसाइल लैब का दौरा भी किया.
इसके अलावा मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान, म्यांमार, मंगोलिया, जिम्बाब्वे, मध्य एशिया और इंडोनेशिया सहित कुल 26 देशों के नेता भी परेड के गवाह बने. अपने भाषण में शी जिनपिंग ने कहा कि “चीन इतिहास के सही पक्ष में खड़ा है.” उन्होंने वर्तमान वैश्विक तनावों की ओर इशारा करते हुए चेताया कि आज मानवता को फिर से शांति और युद्ध के बीच चुनाव करना होगा. परेड का समापन 80,000 कबूतरों को आकाश में उड़ाकर किया गया. यह दृश्य चीन के सैन्य शक्ति प्रदर्शन के बीच शांति का प्रतीक बनकर उभरा.
क्या कहना चाहता है चीन?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परेड केवल ताकत दिखाने का आयोजन नहीं थी, बल्कि अमेरिका और पश्चिमी देशों को एक स्पष्ट संदेश भी था. ताइवान और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संभावित संघर्ष को ध्यान में रखते हुए चीन ने दिखाया कि उसकी सेना अब बहुआयामी युद्ध के लिए तैयार है. हाइपरसोनिक मिसाइलों, स्टील्थ जेट और अनमैन्ड सिस्टम्स की मौजूदगी इस बात की पुष्टि करती है कि बीजिंग तकनीक और आक्रामक क्षमता दोनों में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
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