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दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रेन, किम जोंग उन के इस ‘चलते किले’ की खूबियां जानकर आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी


World Most Dangerous Train: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक बार फिर अपने देश की सीमा पार कर चीन की ओर रुख किया. इस बार भी उन्होंने अपनी विशेष बुलेटप्रूफ ट्रेन का उपयोग किया है ना कि किसी प्लेन का. इस ट्रेन को जिसे उनके उच्च सुरक्षा स्तर और गोपनीयता के लिए तैयार किया गया है. किम की यह यात्रा न केवल उनकी सुरक्षा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और उत्तर कोरिया की परमाणु ताकत का प्रतीक भी मानी जा रही है.

Kim jong Arrived China: चीन की विक्ट्री परेड में किम जोंग की मौजूदगी

किम जोंग उन चीन में विश्व युद्ध II में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित परेड में शामिल होंगे. यह परेड 3 सितंबर को बीजिंग के टियांनमेन स्क्वायर में होगी. इस अवसर पर किम के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरानी नेता मसऊद पेजेशकियन भी मौजूद रहेंगे. यह उनके लिए अब तक की सबसे बड़ी बहुपक्षीय कूटनीतिक सभा है, जिसमें उन्हें अन्य वैश्विक नेताओं के साथ सीधे संवाद का अवसर मिलेगा.

World Most Dangerous Train Kim Jong: बुलेटप्रूफ ट्रेन, क्या है खासियत

किम जोंग उन की यात्रा की सबसे खास बात है उनकी बुलेटप्रूफ ट्रेन. इसमें लगभग 10 से 15 डिब्बे होते हैं और इसे एक चलती किले की तरह सुरक्षा प्रदान की गई है. ट्रेन में बुलेट और बम से बचाव के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसमें किम के लिए विशेष कमांडो सुरक्षा बल, डॉक्टरों की टीम, मीटिंग रूम, बेडरूम, सोफे, रेस्टोरेंट और हाईटेक कम्युनिकेशन सिस्टम मौजूद हैं. कर्मचारियों के ठहरने और खान-पान की भी पूरी व्यवस्था ट्रेन में की गई है.

जब यह ट्रेन किसी अन्य देश की सीमा पर पहुंचती है, तो रेल गेज के अनुसार टायर और जरूरी बदलाव किए जाते हैं. चीन में ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वहां ट्रेन को चीनी इंजन खींचता है. चीन में ट्रेन की रफ्तार लगभग 80 किमी प्रति घंटे होती है, जबकि उत्तर कोरिया में यह सामान्य रूप से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है.

परंपरा और परिवार का प्रतीक

किम जोंग उन की ट्रेन यात्रा की परंपरा उनके परिवार से जुड़ी है. उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग ने सबसे पहले ट्रेन का उपयोग किया. उनके बेटे और किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने भी इसी ट्रेन से लंबी यात्राएं की. 2011 में किम जोंग इल की हार्ट अटैक से मृत्यु इसी ट्रेन के डिब्बे में हुई, जिसे बाद में मकबरे में तब्दील कर दिया गया.

मिसाइल प्रयोगशाला का दौरा: संदेश अमेरिका और दुनिया के लिए

किम जोंग उन ने चीन यात्रा से पहले उत्तर कोरिया की मिसाइल प्रयोगशाला का दौरा किया, जहां इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों के इंजन के लिए कार्बन फाइबर कंपोजिट सामग्री पर शोध किया जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम उत्तर कोरिया की परमाणु शक्ति के रूप में स्थिति को दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक है. इसके माध्यम से अमेरिका और दुनिया को यह संदेश भी जाता है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

बीजिंग सैन्य परेड का महत्व

बीजिंग की यह परेड चीन की सैन्य ताकत और एकजुटता का प्रदर्शन करेगी. इसमें सैनिक मार्च, हाई-टेक हथियार और फ्लाईपास्ट शामिल होंगे. किम जोंग उन की उपस्थिति विशेष महत्व की है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब वे शी जिनपिंग और पुतिन के साथ एक ही मंच पर नजर आएंगे. यह न केवल अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि उत्तर कोरिया की वैश्विक स्थिति को भी मजबूत करने का अवसर है.

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