Modi Putin Jinping Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टॉप व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच घनिष्ठता को चिंताजनक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को रूस के बजाय अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के साथ खड़ा होना चाहिए. व्यापार और टैरिफ पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण वाशिंगटन और नयी दिल्ली के बीच रिश्तों में गिरावट आने के बाद नवारो पिछले कुछ दिनों से लगातार भारत को निशाना बना रहे हैं.
मोदी, जिनपिंग और पुतिन की मुलाकात को नवारो ने बताया शर्मनाक
मोदी, शी और पुतिन के बीच एकजुटता के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर नवारो ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, यह चिंताजनक है, बहुत चिंताजनक है. ‘‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी का दो सबसे बड़े तानाशाहों, पुतिन और शी जिनपिंग के साथ देखा जाना बेहद शर्म की बात है. इसका कोई मतलब नहीं है.’’
मोदी को रूस के साथ नहीं, यूरोप और यूक्रेन के साथ होना चाहिए : नवारो
नवारो ने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री मोदी के मन में क्या है, खासकर तब जब भारत पिछले कई दशकों से चीन के साथ कभी शीत युद्ध तो कभी सीधे संघर्ष की स्थिति में रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय नेता यह समझेंगे कि उन्हें रूस के साथ नहीं, बल्कि हमारे, यूरोप और यूक्रेन के साथ होना चाहिए, और उन्हें रूस से तेल खरीदना भी बंद करना चाहिए.’’
नवारो ने चीन-भारत सीमा पर दिया बयान
नवारो ने कहा, ‘‘भारत जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इतिहास पर नजर डालें तो दशकों से भारत और चीन के बीच शीत युद्ध जारी रहा है.’’ उन्होंने कहा कि बीजिंग (चीन) ने ‘‘पाकिस्तान की सेना को धन मुहैया कराया उसे परमाणु हथियार विकसित करने में मदद की है.’’ ‘‘चीन ने बार-बार भारत पर खासकर अक्साई चिन में हमला किया है. चीन ने वास्तव में भारत की जमीन पर कब्जा किया और अब भी उस पर कब्जा जमाए हुए है. अब चीनी नौसेना हिंद महासागर के अंदर तक गश्त कर रही है और वहां भारतीय संप्रभुता को चुनौती दे रही है.’’
ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया
ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क और रूसी तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है. इससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है. भारत ने इन शुल्कों को अनुचित और विवेकहीन बताया है. रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए भारत का कहना है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों से प्रेरित है.
चीन भारत का कर रहा गलत इस्तेमाल : नवारो
नवारो ने दावा किया कि ‘‘चीन भारत का इस्तेमाल एक ऐसी जगह के तौर पर कर रहा है जहां से वह अपना सामान दूसरे देशों में भेज सके और शुल्क से बच सके.’’ नवारो ने कहा, ‘‘यूक्रेन में शांति लाने में कहीं न कहीं नयी दिल्ली की भूमिका अहम है. और अब वक्त है कि मोदी (प्रधानमंत्री) आगे आकर अपनी भूमिका निभाएं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी का बेहद सम्मान करता हूं और भारतीय लोगों से बेहद लगाव रखता हूं.’’
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