SCO Summit 2025: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में वैश्विक हालात को लेकर तीखा बयान दिया है. उन्होंने सभी देशों से न्याय, निष्पक्षता और बहुपक्षीय सहयोग की भावना को अपनाने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने कोल्ड वॉर वाली मानसिकता, गुटबाजी और जबरदस्ती दबाव डालने की रणनीतियों का कड़ा विरोध किया.
शी जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन और अमेरिका के बीच तनाव अपने चरम पर है. समिट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी को देखते हुए शी का यह संदेश वैश्विक शक्ति संतुलन के लिहाज से अहम माना जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “आज दुनिया को शांति, स्थिरता और आपसी सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत है, न कि टकराव और अलगाव की.”
चीन-अमेरिका में बढ़ रहा है तनाव
चीन और अमेरिका के बीच तनाव की शुरुआत डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए हुई थी, जब उन्होंने चीन पर भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगा दिए थे. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो गया था. हालांकि बाद में आंशिक समझौते हुए, लेकिन तनाव की लकीरें अब भी साफ दिखाई देती हैं.
पुतिन पर युद्धविराम का बढ़ रहा दबाव
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मुलाकात की और उनसे युद्धविराम (सीजफायर) के लिए दबाव बनाया. इसके बाद उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी बैठक की. इन बैठकों का मकसद यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करना बताया जा रहा है.
SCO समिट में भाग लेने वाले देश
31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाले इस समिट में कुल 10 सदस्य देश भाग ले रहे हैं:
- चीन
- भारत
- रूस
- पाकिस्तान
- ईरान
- कजाखस्तान
- किर्गिस्तान
- ताजिकिस्तान
- उज्बेकिस्तान
- बेलारूस
इसके अलावा 16 अन्य देश पर्यवेक्षक या संवाद साझेदार के रूप में जुड़े हैं.