India Tension: पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे. ढाका हवाई अड्डे पर उनका स्वागत विदेश सचिव असद आलम सियाम ने किया. यह यात्रा इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि 2012 के बाद यह पहली बार है जब कोई शीर्ष पाकिस्तानी नेता बांग्लादेश पहुंचा है. डार का मकसद बांग्लादेश के साथ रिश्तों में नई शुरुआत करना है, खासकर ऐसे समय में जब शेख हसीना सत्ता से बाहर हो चुकी हैं और पड़ोसी देशों के साथ बांग्लादेश की विदेश नीति में बदलाव की संभावनाएं दिख रही हैं.
डार का व्यस्त कार्यक्रम और संभावित समझौते
रविवार को डार की मुलाकात बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से होगी. दोनों देशों के बीच लगभग आधा दर्जन समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर की तैयारी है. इसके अलावा, डार अंतरिम सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस से शिष्टाचार भेंट करेंगे. माना जा रहा है कि वे बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया और जमात-ए-इस्लामी नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि इन बैठकों में न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों पर बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी गहन चर्चा होगी.
अप्रैल में टली थी यात्रा
असल में, डार की यह यात्रा अप्रैल में ही होनी थी, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. हालांकि, इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच ने 15 साल बाद बांग्लादेश का दौरा किया था और राजनयिक स्तर पर बातचीत की शुरुआत की थी.
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चीन से भी मजबूत कर रहे रिश्ते
इशाक डार हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मिले थे. दोनों देशों ने औद्योगिक, कृषि और खनन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. इस्लामाबाद में हुई रणनीतिक वार्ता के दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा 2.0, व्यापार, बहुपक्षीय सहयोग और लोगों से लोगों के रिश्तों जैसे मुद्दों पर भी गहन चर्चा हुई. पाकिस्तान अब एक बार फिर अपने सबसे पुराने सहयोगी चीन के साथ मिलकर एशिया में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.
भारत के लिए क्या मायने?
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते दशकों से खराब हैं. दूसरी ओर, शेख हसीना के हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के बीच भी दूरी बढ़ी है. पाकिस्तान अब इस स्थिति का फायदा उठाकर ढाका के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश में है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान चाहता है कि भविष्य में भारत के खिलाफ उसे बांग्लादेश का साथ मिले.
हालांकि, यह राह इतनी आसान नहीं है. अगले साल बांग्लादेश में आम चुनाव होने वाले हैं और यदि सत्ता परिवर्तन हुआ तो भारत-बांग्लादेश संबंध दोबारा पटरी पर लौट सकते हैं. इसके अलावा, हाल के दिनों में भारत और चीन के रिश्तों में भी सुधार देखने को मिल रहा है. इस महीने के अंत में पीएम नरेंद्र मोदी चीन में होने वाली एससीओ बैठक में शामिल होंगे. ऐसे में पाकिस्तान की यह रणनीति शायद उतनी सफल न हो पाए. कुल मिलाकर, पाकिस्तान की यह कोशिश भारत को घेरने की रणनीति का हिस्सा लगती है. लेकिन क्षेत्रीय राजनीति की जटिलता और बांग्लादेश के आंतरिक हालात को देखते हुए डार की यह यात्रा पाकिस्तान के लिए कितनी सफल होगी, यह आने वाला समय ही बताएगा.