India Pak War: भारत–पाकिस्तान संबंधों में पिछले दो दिनों में तनाव चरम पर पहुंच गया है. महज 48 घंटे के भीतर पाकिस्तान ने भारत को चार गंभीर धमकियां दी हैं. जल संधि तोड़ने पर सैन्य कार्रवाई, बांध पर मिसाइल हमला, भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी को निशाना बनाना और खुले तौर पर परमाणु संकेत देना. अभी युद्ध जैसे कोई हालात नहीं है लेकिन इन बयानों ने न केवल दक्षिण एशिया बल्कि वैश्विक मंच पर भी चिंता बढ़ा दी है.
Pakistan Four Threats In 48 Hours: पहली धमकी, जल विवाद पर सख्त रुख
सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अगर भारत इंडस वॉटर ट्रीटी के तहत मिलने वाले जल प्रवाह में कटौती करता है, तो पाकिस्तान “कड़ा और निर्णायक जवाब” देगा. उन्होंने चेतावनी दी, “दुश्मन भारत एक बूंद पानी भी नहीं छीन सकता.” यह बयान उस समय आया है जब भारत ने सुरक्षा कारणों से संधि के कुछ प्रावधानों पर अस्थायी रोक लगाई है.
दूसरी धमकी, बांध पर मिसाइल हमले की चेतावनी
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अलग कार्यक्रम में धमकी दी कि यदि भारत इंडस नदी पर कोई नया बांध बनाता है, तो पाकिस्तान “10 मिसाइलें दागकर उसे गिरा देगा.” यह बयान जल–सुरक्षा को लेकर सैन्य आक्रामकता का सीधा संकेत माना जा रहा है.
तीसरी धमकी, जामनगर रिफाइनरी को लक्ष्य बनाना
मुनीर ने भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर यूनिट को “रणनीतिक लक्ष्य” बताते हुए कहा कि युद्ध की स्थिति में यह पाकिस्तान की प्राथमिक सूची में होगी.
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चौथी धमकी, परमाणु संकेत
अमेरिका दौरे पर मुनीर ने कहा कि अगर हम नीचे जाएंगे तो दुनिया का आधा हिस्सा साथ ले जाएंगे.” इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु हमले की सीधी धमकी के रूप में देखा गया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी से परमाणु टकराव का खतरा बढ़ सकता है.
India Pak War in Hindi: विवाद की जड़
इंडस वॉटर ट्रीटी 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी. पिछले साल जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों और पाकिस्तान के आक्रामक रुख के बाद भारत ने इसकी कार्यवाही अस्थायी रूप से रोक दी. इसके बाद से जल विवाद पर बयानबाजी तेज हो गई है.
अमेरिका की प्रतिक्रिया – ‘गर्व का क्षण’
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने स्टेट डिपार्टमेंट ब्रीफिंग में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हालिया भारत–पाकिस्तान तनाव को युद्ध में बदलने से रोकने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का पल है कि हमने संभावित तबाही को रोका. कई महत्वपूर्ण फोन कॉल्स और कूटनीतिक प्रयासों से हमले टाले गए.” ब्रूस ने स्पष्ट किया कि आसिम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात के बावजूद अमेरिका का भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संबंध “अच्छे” बने रहेंगे.
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भारत का कड़ा जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों को “न्यूक्लियर शब्द–युद्ध” बताते हुए खारिज कर दिया और इन्हें “अविवेकी” तथा “उकसावे की पुरानी रणनीति” का हिस्सा बताया. मंत्रालय ने कहा कि जल और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे केवल द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाए जाएंगे, तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है.