Richest Man History: अगर आप सोचते हैं कि आज के अरबपति एलन मस्क, जेफ बेजोस या अंबानी, दुनिया के सबसे अमीर इंसान हैं, तो जरा रुक जाइए. 14वीं सदी में एक ऐसा सम्राट हुआ, जिसकी दौलत और रुतबा आज के किसी भी अरबपति को फीका कर देता है. उसका नाम था मंसा मूसा माली साम्राज्य का शासक, जिसके खजाने में इतना सोना था कि उसने इसे लुटाकर एक पूरे देश की अर्थव्यवस्था को घुटनों पर ला दिया था.
Richest Man History in Hindi: शासकों के परिवार में जन्म
1280 में मंसा मूसा का जन्म एक शासक परिवार में हुआ. उनके भाई मंसा अबू-बकर 1312 तक गद्दी पर रहे. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अबू-बकर को अटलांटिक महासागर की खोज का जुनून था. वे 2,000 जहाजों और हजारों लोगों के साथ सफर पर निकले, लेकिन कभी लौटे नहीं. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि वे दक्षिण अमेरिका पहुंचे होंगे, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं है.
Richest Man History Mansa Musa in Hindi: 24 शहरों पर था राज
भाई के लापता होने के बाद मंसा मूसा ने सत्ता संभाली और 24 शहरों को अपने अधीन कर लिया, जिनमें तिंबकटू भी था. उनका साम्राज्य मौजूदा सेनेगल, मॉरिटानिया, माली, बुर्किना फासो, नाइजर, गाम्बिया, गिनी, गिनी-बिसाउ और आइवरी कोस्ट तक फैला था.
माली सोने और नमक के अपार भंडार के लिए मशहूर था. कहा जाता है कि उस दौर में दुनिया के आधे से ज्यादा सोने का उत्पादन यहीं होता था. अमेरिकी अनुमानों के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति आज के हिसाब से 400 से 500 अरब डॉलर होती.
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मक्का यात्रा जिसने मिस्र को तोड़ दिया
1324 में मंसा मूसा मक्का की यात्रा पर निकले और काहिरा (मिस्र) से गुजरते हुए तीन महीने रुके. उनके साथ हजारों लोग और सोने से लदे सैकड़ों ऊंट थे. उन्होंने इतनी बड़ी मात्रा में सोना दान में दे दिया कि मिस्र और मध्य-पूर्व में सोने की कीमतें गिर गईं. इसका असर इतना गहरा था कि अगले दस साल तक वहां आर्थिक मंदी छाई रही. अमेरिकी अध्ययनों के अनुसार, इस सोना-तूफान से 1.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. कहा जाता है कि मंसा मूसा को बाद में सोना महंगे ब्याज पर उधार लेना पड़ा.
तिंबकटू बना ज्ञान का वैश्विक गढ़
मंसा मूसा ने कला और शिक्षा में जमकर निवेश किया. उन्होंने एक कवि को 200 किलो सोना इनाम में दिया. उन्होंने मस्जिदें, स्कूल और लाइब्रेरी बनवाकर तिंबकटू को इस्लामी दुनिया का प्रमुख शिक्षा केंद्र बना दिया. उन्होंने अंदलुसी कवि-स्थपति अबू एस हक एस साहेली से मशहूर जिंगुएरेबर मस्जिद बनवाई, जो आज भी खड़ी है.
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साम्राज्य का पतन
1337 में 57 साल की उम्र में मंसा मूसा का निधन हो गया. उनके बेटे साम्राज्य को संभाल नहीं सके और छोटे-छोटे राज्य अलग हो गए. यूरोपियों का आगमन पतन की रफ्तार और बढ़ा गया. 1375 में बने कैटलन एटलस में उन्हें सोने के सिंहासन पर बैठे एक अफ्रीकी राजा के रूप में दिखाया गया है, हाथ में सोने की डली, मानो यह बताने के लिए कि कभी दुनिया की दौलत उनके कदमों में थी.