Pak Army Chief Asim Munir: पाकिस्तान सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर एक बार फिर अमेरिका की यात्रा पर हैं. इस सप्ताह वे अमेरिका के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमान परिवर्तन समारोह में हिस्सा लेंगे. यह दौरा उनके पिछले वाशिंगटन दौरे के महज दो महीने बाद हो रहा है, जिसने राजनीतिक और कूटनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है. जून में हुए पिछले दौरे के दौरान मुनीर ने व्हाइट हाउस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ दो घंटे लंबी मुलाकात की थी. हैरानी की बात यह रही कि इस बैठक में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नेता मौजूद नहीं था. पहली बार ऐसा हुआ कि किसी पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख को अकेले ओवल ऑफिस में बुलाया गया. सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में व्यापारिक संबंधों, आर्थिक सहयोग और क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर भी चर्चा हुई. ट्रंप ने कहा कि मैंने उन्हें यहां इसलिए बुलाया ताकि युद्ध में शामिल न होने और उसे खत्म करने के लिए धन्यवाद दे सकूं.
भारत-पाकिस्तान टकराव के बीच ट्रंप की ‘नोबेल’ वाली टिप्पणी
ट्रंप का यह बयान उस घटना की ओर इशारा कर रहा था जब मई में भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन और मिसाइलों के जरिए टकराव हुआ था. भारत के अनुसार यह कार्रवाई अकेले की गई थी, लेकिन ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने तनाव कम कराया. मुनीर ने ट्रंप के दावे का समर्थन करते हुए यहां तक कह दिया कि ट्रंप को “परमाणु युद्ध टालने” के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए.
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हमले की वजह बना ‘ऑपरेशन सिंदूर’
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की. भारतीय एजेंसियों के मुताबिक इस अभियान में पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी शिविरों पर हमला किया गया और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया. भारत ने स्पष्ट कहा कि संघर्षविराम केवल डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद हुआ और किसी विदेशी ताकत की मध्यस्थता शामिल नहीं थी. बावजूद इसके ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से इसे अपनी सफलता बताया और अब तक इस दावे से पीछे नहीं हटे हैं.
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Pak Army Chief Asim Munir US Visit in Hindi: व्यापारिक राहत के साथ टैरिफ का दांव
ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा भी की, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान के तेल भंडारों तक पहुंच दी गई. लेकिन इसके साथ ही ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिससे पाकिस्तानी निर्यात पर 19% टैरिफ लगा दिया गया जो पहले 29% था. यह राहत और दबाव दोनों का संकेत है.
Pak Army Chief Asim Munir: लगातार बातचीत और रणनीति के संकेत
मुनीर की यह दूसरी यात्रा केवल सैन्य औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह बताती है कि वाशिंगटन और रावलपिंडी के बीच लगातार रणनीतिक बातचीत चल रही है. क्या यह दौरा नई डील लाएगा, या दबाव का अगला अध्याय होगा, यह तो भविष्य बताएगा. लेकिन यह साफ है कि पाकिस्तान का सबसे ताकतवर शख्स फिर अमेरिका की राह पर है, और बातचीत अब भी जारी है.