इस देश में बनेगा दुनिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज, अमेरिका-चीन को पछाड़ा; भारत से भी है खास रिश्ता
World Longest Suspension Bridge: इटली सरकार ने €13.5 बिलियन ($15.6 बिलियन) की मेस्सीना ब्रिज परियोजना को हरी झंडी दे दी है. यह पुल सिसिली को कालाब्रिया से जोड़ेगा और बन जाने पर 3.3 किलोमीटर लंबा दुनिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज होगा. इस ब्रिज के दो 400 मीटर ऊंचे टावर होंगे और इसमें दोनों दिशाओं में तीन-तीन ट्रैफिक लेन के साथ-साथ दो रेलवे लाइनें भी होंगी.
50 वर्षों की लंबी राह
मेस्सीना ब्रिज की योजना लगभग 50 वर्षों से चली आ रही है, लेकिन यह कई बार लागत, पर्यावरणीय चिंता, सुरक्षा और माफिया से जुड़ी आशंकाओं के कारण बाधित होती रही. प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इसे “इटली के वर्तमान और भविष्य में निवेश” करार दिया है. परिवहन मंत्री मैटियो साल्विनी का दावा है कि यह परियोजना 2032-33 तक पूरी हो जाएगी. इटली इस परियोजना को NATO के 5 प्रतिशत GDP रक्षा खर्च के हिस्से के रूप में गिनेगा. सरकार को उम्मीद है कि पुल से सिसिली और कालाब्रिया के आर्थिक विकास को बल मिलेगा और सालाना करीब 1,20,000 नौकरियां सृजित होंगी. परियोजना को अब इटली के कोर्ट ऑफ ऑडिटर्स और यूरोपीय पर्यावरण एजेंसियों की मंजूरी लेनी है. साथ ही, स्थानीय लोगों की संपत्ति अधिग्रहण को लेकर कानूनी लड़ाई की संभावना भी बनी हुई है.
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विपक्ष और स्थानीय समूहों की आपत्तियां
इटली के सेनेटर निकोला इरतो ने इस परियोजना को ‘विवादास्पद और विभाजनकारी’ बताया है और सरकार पर सार्वजनिक सेवाओं के लिए फंडिंग के अपव्यय का आरोप लगाया है. विल्ला सैन जियोवानी की मेयर जिउसी कामिनिटी ने अपने शहर पर इसके नकारात्मक प्रभाव की चिंता जताई है. स्थानीय समूह “नो टू द ब्रिज” ने मंजूरी को राजनीतिक ड्रामा करार देते हुए तकनीकी जांच की कमी पर सवाल उठाए हैं.
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World Longest Suspension Bridge in Hindi: मेस्सीना स्ट्रेट ब्रिज
यह पुल सिसिली के टॉरे फरो से मुख्यभूमि के विल्ला सैन जियोवानी को जोड़ेगा और बर्लिन-पालर्मो रेलवे एक्सिस के तहत ट्रांस-यूरोपियन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क (TEN-T) का अहम हिस्सा होगा. मेस्सीना स्ट्रेट को जोड़ने का विचार प्राचीन काल से रहा है, लेकिन समुद्री धाराओं और तकनीकी चुनौतियों के कारण अब तक यह संभव नहीं हो पाया था. 20वीं सदी में कई विकल्पों जैसे सुरंग और फ्लोटिंग ब्रिज के सुझाव दिए गए. 1990 के दशक में वर्तमान सस्पेंशन ब्रिज डिजाइन विकसित हुआ. 2006 में एक योजना स्वीकृत हुई थी, जिसमें चार लेन सड़क, दो रेलवे ट्रैक और पैदल मार्ग शामिल थे.
मेस्सीना ब्रिज जैसी बड़ी परियोजनाएं का हिस्सा मानी जा रही हैं। वैश्विक स्तर पर भारत और इटली के संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं. मार्च 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्जिया मेलोनी की मुलाकात के बाद द्विपक्षीय संबंधों को “Strategic Partnership” का दर्जा मिला जिससे रक्षा, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग बढ़ाने की सहमति बनी है, जिससे दोनों देशों के बीच निवेश और तकनीकी भागीदारी के नए अवसर खुल सकते हैं.
अब तक दुनिया के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज के रिकॉर्ड अमेरिका, चीन और जापान के नाम थे. अमेरिका का Verrazzano-Narrows Bridge और चीन का Xihoumen Bridge तकनीकी श्रेष्ठता और विशालता के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा, जापान का Akashi Kaikyō Bridge जो कि क़रीब 3.9 किलोमीटर लंबा है, मुख्य स्पैन के आधार पर दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है. लेकिन अब इटली का प्रस्तावित मेस्सीना ब्रिज इन सभी को पीछे छोड़ने जा रहा है. इसकी लंबाई 3.3 किलोमीटर है और यह मुख्य स्पैन के मामले में इन सभी ब्रिजों से कहीं बड़ा होगा. अगर यह समय पर पूरा हो गया तो इटली न केवल तकनीकी बल्कि लंबाई के मामले में भी अमेरिका, चीन और जापान को पछाड़कर दुनिया में अवसंरचना के क्षेत्र में अपनी प्रमुख पहचान बनाएगा.