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जुम्मा, ईद समेत मुस्लिम त्योहारों के सार्वजनिक आयोजनों पर बैन — जानें किस देश ने लिया विवादित फैसला


Muslim Festival Ban: दक्षिण-पूर्वी स्पेन के जुमिल्ला नामक शहर ने मुस्लिम त्योहारों के सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस्लामोफोबिक बताकर इस फैसले की देशभर में आलोचना हो रही है. यह स्पेन के इतिहास में पहला मौका है जब किसी शहर ने धर्म विशेष के त्योहारों को सार्वजनिक स्थलों पर मनाने से रोका है.

यह आदेश कंजरवेटिव पीपुल्स पार्टी (PP) द्वारा पास किया गया, जिसे फार-राइट वॉक्स पार्टी (Vox) के समर्थन और वामपंथी दलों के विरोध के बीच मंजूरी दी गई. इस फैसले के तहत अब मुस्लिम समुदाय को जिम, सिविक सेंटर, या खेल स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं होगी.

“स्पेन सिर्फ ईसाइयों का देश है” – वॉक्स पार्टी का बयान

फैसले के पारित होते ही वॉक्स पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि वॉक्स की बदौलत, स्पेन में इस्लामी त्योहारों को सार्वजनिक स्थलों पर मनाने से रोकने वाला पहला कदम उठाया गया है. स्पेन ईसाइयों की ज़मीन है और हमेशा रहेगा. विवादित बयान के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय में नाराजगी और डर का माहौल है.

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“30 साल में पहली बार डर महसूस कर रहा हूं” – मुस्लिम संगठन

स्पैनिश फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गनाइजेशंस के प्रमुख ने El País को दिए बयान में कहा कि यह फैसला इस्लामोफोबिक और भेदभावपूर्ण है. किसी और धर्म को निशाना नहीं बनाया गया है, सिर्फ हमारे धर्म को टारगेट किया गया है. 30 साल में पहली बार मुझे डर लग रहा है कि मैं स्पेन में सुरक्षित नहीं हूं. बताया गया है कि जुमिल्ला की कुल जनसंख्या करीब 27,000 है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 7.5% है. (Muslim Festival Ban Spain Hindi)

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संविधान के खिलाफ है ये प्रतिबंध? (Muslim Festival Ban Spain in Hindi)

स्पेन के संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार, व्यक्तियों और समुदायों को विचारधारा, धर्म और पूजा की स्वतंत्रता प्राप्त है, बशर्ते कि वह सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित न करें. यानी यह आदेश सीधे तौर पर संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ जाता है और कानूनी चुनौती की संभावना प्रबल है. मर्सिया के समाजवादी नेता फ्रांसिस्को लुकास ने इस प्रतिबंध की निंदा करते हुए कहा कि पीपुल्स पार्टी सिर्फ सत्ता की लालच में संविधान की अवहेलना कर रही है और समाज को बाँटने का काम कर रही है.