Religious Visa America: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में वीजा नीतियों में लगातार सख्ती लाई जा रही है. जहां ग्रीन कार्ड से जुड़ी प्रक्रिया और नियम जटिल होते जा रहे हैं, वहीं अब धार्मिक कार्यों के लिए अमेरिका आने वालों के लिए भी कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं. अगर कोई पंडित, मौलवी, पादरी या अन्य धार्मिक व्यक्ति अमेरिका में धार्मिक सेवा देना चाहता है, तो उसे अब नियमानुसार विशेष वीजा की प्रक्रिया से गुजरना होगा. (Religious Visa America)
R-1 वीजा
R-1 वीजा अमेरिका का एक गैर-अप्रवासी (Non-Immigrant) वीजा है, जो केवल धार्मिक उद्देश्यों से आने वाले लोगों को दिया जाता है. यह वीजा उन्हीं को मिलता है जिन्हें अमेरिका में मान्यता प्राप्त किसी धार्मिक संस्था ने आमंत्रित किया हो. इसके तहत पंडित, मौलवी, ग्रंथी, पादरी, रब्बी या किसी भी धर्म से जुड़े धार्मिक शिक्षक अमेरिका में सेवा दे सकते हैं. इस वीजा के लिए यह जरूरी है कि आवेदक ने संबंधित धार्मिक संस्था के साथ कम से कम दो साल तक काम किया हो.
धार्मिक सेवा के अलावा कोई अन्य काम नहीं
R-1 वीजा की सबसे अहम शर्त यही है कि अमेरिका पहुंचने के बाद वीजाधारी केवल धार्मिक कार्य ही करेगा. पूजा-पाठ, हवन, धार्मिक शिक्षा, प्रार्थना सभा या धर्मोपदेश जैसी गतिविधियों तक ही सीमित रहना होगा. किसी भी तरह का व्यवसायिक या गैर-धार्मिक काम करना नियमों के खिलाफ माना जाएगा.
Religious Visa America in Hindi: आवेदन प्रक्रिया क्या है?
इस वीजा के लिए सबसे पहले अमेरिका की धार्मिक संस्था को USCIS (U.S. Citizenship and Immigration Services) के पास I-129 फॉर्म भरना होता है. यह संस्था यह प्रमाण देती है कि वह अमेरिका में मान्यता प्राप्त है और वीजा के लिए बुलाए जा रहे व्यक्ति के साथ कम से कम दो साल से कार्य कर रही है. USCIS से फॉर्म स्वीकृत होने के बाद आवेदक को DS-160 फॉर्म भरकर अमेरिकी दूतावास में इंटरव्यू देना होता है. इंटरव्यू में यह स्पष्ट करना होता है कि यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक कार्य है.
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कितनी अवधि के लिए मिलता है R-1 वीजा?
R-1 वीजा शुरुआत में 30 महीनों (ढाई साल) के लिए जारी होता है और इसे अधिकतम 5 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है. पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद व्यक्ति को कम से कम एक साल अमेरिका से बाहर रहना होगा, तभी वह दोबारा इस वीजा के लिए आवेदन कर सकता है. R-1 वीजा धारक अपने पति/पत्नी और बच्चों को साथ ले जाना चाहे तो उन्हें R-2 वीजा के लिए आवेदन करना होगा. हालांकि R-2 वीजा पर अमेरिका आने वाले व्यक्ति वहां कोई रोजगार नहीं कर सकते. वे केवल साथ रह सकते हैं और पढ़ाई कर सकते हैं.
व्यक्तिगत धार्मिक कार्य के लिए B-1 वीजा
अमेरिका में बसे भारतीय अक्सर पारिवारिक पूजा या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भारत से पंडितों को बुलाना चाहते हैं. इस स्थिति में उन्हें R-1 नहीं, बल्कि B-1 वीजा लेना होता है. यह एक अस्थायी बिजनेस वीजा है जिसकी वैधता अधिकतम 6 महीने होती है. इस वीजा के लिए यह साबित करना जरूरी होता है कि पंडित अमेरिका में कोई कमाई नहीं करेंगे, लेकिन वे दान या दक्षिणा स्वीकार कर सकते हैं.
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How Much Pandits Earn US in Hindi: कितनी कमाई करते हैं अमेरिका में पुजारी?
ZipRecruiter वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में एक धार्मिक पेशेवर (जैसे पुजारी) की औसत वार्षिक आय $63,587 (लगभग ₹56 लाख) होती है. न्यूनतम आय करीब $29,000 और अधिकतम करीब $91,000 तक होती है. हालांकि यह आय धार्मिक संस्था की प्रकृति और स्थान के अनुसार बदल सकती है.
बढ़ी जांच और लंबी प्रक्रिया
हालिया वर्षों में USCIS ने R-1 वीजा प्रोसेसिंग में कड़ाई की है. सामान्य प्रक्रिया में वीजा मिलने में 4 से 15 महीने तक का समय लग सकता है. हालांकि कुछ मामलों में Premium Processing के माध्यम से 15 दिनों में भी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त शुल्क ($2,805) देना होता है.