Pew Research: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बड़े बदलाव लाए हैं. इस नीति के तहत अमेरिका ने चीन, भारत, यूरोपीय संघ समेत कई प्रमुख आर्थिक साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है और विश्व व्यापार की अनिश्चितता में वृद्धि हुई है.
ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति
ट्रंप प्रशासन ने वैश्विक बाजारों में अपनी आर्थिक प्राथमिकताओं को मजबूत करने के लिए कई देशों से आयातित वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लागू किए. भारत और चीन इस नीति के मुख्य लक्ष्य रहे हैं. 2 अप्रैल 2025 को पहली बार ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. बाद में 90 दिनों की अवधि बढ़ाकर 7 अगस्त 2025 से इन टैरिफों को लागू किया गया.
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भारत पर टैरिफ
30 जुलाई 2025 को ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके बाद 6 अगस्त को भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया गया, जो 27 अगस्त से लागू होगा. कुल मिलाकर भारत पर 50% टैरिफ लागू हो जाएगा, जो भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है. अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर सुरक्षा कारणों से लिया गया है. यह पहली बार है जब ‘सेकेंडरी टैरिफ’ का इस्तेमाल किसी ऐसे देश पर किया गया है जो रूस से व्यापार कर रहा है. अमेरिकी प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा कराए गए एक व्यापक सर्वे में भी अमेरिका की यह द्विध्रुवीय छवि स्पष्ट हुई है, जहां कई देशों ने अमेरिका को भरोसेमंद साझेदार माना, जबकि कुछ देशों ने उसे खतरा बताया.
Pew Research US Global Image: प्यू रिसर्च सेंटर का ग्लोबल सर्वे
अमेरिकी प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा 24 देशों में कराए गए एक सर्वेक्षण ने अमेरिका की वैश्विक छवि में द्विध्रुवीयता को उजागर किया है. सर्वे में पाया गया कि:
- 12 देशों ने अमेरिका को भरोसेमंद साझेदार माना, जिनमें इजरायल, कनाडा, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया और भारत शामिल हैं.
- भारत में 35% लोगों ने अमेरिका को भरोसेमंद बताया, जबकि रूस को भारत का साझेदार मानने वाले केवल 19% थे.
- अमेरिका के पड़ोसी देश कनाडा, मेक्सिको, अर्जेंटीना और ब्राजील ने उसे सहयोगी और खतरा दोनों के रूप में देखा.
- यूरोप के 10 देशों में से आठ ने रूस को सबसे बड़ा खतरा माना, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन को अधिक खतरा माना गया.
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व्यापार नीति और वैश्विक सुरक्षा कूटनीति में जटिलताएं
ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने अमेरिका की वैश्विक छवि को जटिल बना दिया है. एक ओर अमेरिका को लोकतंत्र और स्वतंत्रता का प्रहरी माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उसकी टैरिफ युद्ध नीतियां और सैन्य हस्तक्षेप कई देशों में विवादास्पद नजर आते हैं. यह नीति न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक और राजनीतिक स्तर पर भी तनाव का कारण बनी है.
डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को नया स्वरूप दिया है. टैरिफ युद्ध और राजनीतिक तनाव बढ़ने से भारत-अमेरिका संबंधों पर भी असर पड़ा है, विशेषकर तेल खरीद को लेकर सुरक्षा और आर्थिक हितों के टकराव के कारण. प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे से यह स्पष्ट होता है कि विश्व के अधिकांश देश अमेरिका को एक आवश्यक लेकिन चुनौतीपूर्ण साझेदार के रूप में देखते हैं.