Hiroshima Bombing History 2025: हर साल 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस मनाया जाता है, ताकि 1945 में जापान के हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बम की भयावहता को याद किया जा सके. साल 2025 में यह घटना 80 साल पूरे कर रही है. यह सिर्फ इतिहास का एक काला अध्याय नहीं, बल्कि मानवता को दिए गए सबसे खतरनाक जख्मों में से एक है, जो आज भी शांति की अपील करता है.
तारीख और महत्व
6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर “लिटिल बॉय” नामक यूरेनियम आधारित परमाणु बम गिराया था. इस हमले की वजह से पहले चार महीनों में 90,000 से 1,66,000 लोगों की मौत हो गई. आज भी हजारों “हिबाकुशा” (परमाणु हमले के जीवित बचे लोग) रेडिएशन के दुष्प्रभाव झेल रहे हैं. 2025 में यह दिन अपनी 80वीं बरसी पर और भी खास हो गया है.
पढ़ें: दुनिया की सबसे महंगी शराब कौन सी? एक घूंट खरीदने में बिक जाएगा लग्जरी फ्लैट
Hiroshima Bombing History 2025 in Hindi: इतिहास
नेशनल म्यूजियम ऑफ न्यूक्लियर साइंस एंड हिस्ट्री के अनुसार, हिरोशिमा उस समय एक सैन्य और नागरिक मिश्रित शहर था, जिसमें लगभग 2.8 लाख से 2.9 लाख आम लोग और 43,000 सैनिक मौजूद थे. “लिटिल बॉय” बम की ताकत 13,000 टन टीएनटी के बराबर थी. इसका विस्फोट न केवल शहर को राख में बदल गया, बल्कि दुनिया को यह भी दिखा गया कि परमाणु युद्ध कितना विनाशकारी हो सकता है.

महत्व और सीख
हिरोशिमा डे सिर्फ एक त्रासदी को याद करने का दिन नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि आज भी दुनिया में 12,000 से ज्यादा परमाणु हथियार मौजूद हैं. जैसे-जैसे वैश्विक तनाव बढ़ रहे हैं, यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि शांति का संदेश पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.

2025 में कार्यक्रम और गतिविधियां
इस वर्ष हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में मौन धारण, मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि, कागज की लालटेन बहाना और परमाणु मुक्त विश्व की प्रार्थना जैसे आयोजन होंगे. दुनियाभर में स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संगठनों और शांति कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शनियां, सेमिनार और शांति यात्राएं आयोजित की जाएंगी, ताकि नई पीढ़ी इस इतिहास से सबक ले सके. जब तक एक भी परमाणु हथियार इस धरती पर मौजूद है, हिरोशिमा दिवस का महत्व बना रहेगा. यह न केवल अतीत की त्रासदी को याद करने का दिन है, बल्कि भविष्य को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उठाने का भी.
यह भी पढ़ें: कहां से आया थाईलैंड का ‘थाई मसाज’, जिसमें 30 मिनट के लिए लाखों खर्च करते हैं टूरिस्ट