Trump Nobel Peace Prize: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार की मांग तेज कर दी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने गुरुवार (31 जुलाई) को प्रेस ब्रीफिंग में दावा किया कि ट्रंप ने दुनिया के कई हिस्सों में शांति स्थापित की है और छह महीनों में औसतन हर महीने एक बड़ा संघर्ष खत्म करवाया है.
लीविट ने कहा कि ट्रंप ने हाल ही में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे खूनी संघर्ष को खत्म करवाया. इस संघर्ष की वजह से तीन लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके थे. प्रेस सचिव के मुताबिक, ट्रंप ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से सीधा फोन पर बात की और साफ कर दिया कि अगर संघर्ष नहीं रुका तो अमेरिका किसी भी प्रकार की व्यापार वार्ता नहीं करेगा. इसके बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री और ASEAN अध्यक्ष अनवर इब्राहिम की मध्यस्थता से दोनों देशों ने तत्काल सीजफायर पर सहमति जताई.
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Trump Nobel Peace Prize in Hindi: कई देशों के युद्ध रूकवाए
लीविट ने आगे बताया कि ट्रंप अब तक थाईलैंड-कंबोडिया, इजराइल-ईरान, रवांडा-कांगो, भारत-पाकिस्तान, सर्बिया-कोसोवो और मिस्र-इथियोपिया जैसे बड़े टकरावों को खत्म कर चुके हैं. छह महीने में छह शांति समझौते करना किसी भी विश्व नेता के लिए असाधारण उपलब्धि है. यह समय है कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाए.
Karoline Leavitt demands Nobel Peace Prize for Trump.pic.twitter.com/rdZMaWWcej
— Molly Ploofkins (@Mollyploofkins) July 31, 2025
भारत ने मध्यस्थता से साफ इनकार किया (Trump Nobel Peace Prize Global Ceasefires in Hindi)
हालांकि भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर ट्रंप के दावे पर भारत ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में “ऑपरेशन सिंदूर” पर चर्चा के दौरान कहा कि दुनिया के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे कॉल करने की कोशिश की, लेकिन मैं सेना के साथ बैठक में था. बाद में मैंने उन्हें कॉल बैक किया और साफ कह दिया कि अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो उसे इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
ट्रंप ने पहले भी कहा था कि उन्हें उनके शांति प्रयासों के लिए वह सम्मान नहीं मिलता, जिसके वह हकदार हैं. उन्होंने नोबेल समिति पर वामपंथी और कट्टरपंथी एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. यह खबर अमेरिका के आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग पर आधारित है, भारत के संबंधित पक्षों ने अपने स्तर से इन दावों का खंडन किया है.
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