Trump Import Tariff List:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही वैश्विक व्यापार में बड़ा फेरबदल कर दिया है. उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत अब अमेरिका किसी भी देश के साथ व्यापार घाटा नहीं सहेगा. इसी सोच के साथ ट्रंप ने 1 अगस्त 2025 से कई देशों पर आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ा दिया है. कुछ देशों के साथ उन्होंने व्यापार समझौते किए हैं और टैरिफ दरों में नरमी बरती है, जबकि कई देशों पर बिना समझौते के सीधा भारी शुल्क लगा दिया गया है. ये वो देश हैं जिन्हें ट्रंप के द्वारा राहत दे गई है.
जिन देशों से हुआ समझौता, उन्हें टैरिफ में मिली कुछ राहत
1 अगस्त से लागू टैरिफ नीति में उन देशों को कुछ राहत दी गई है, जिन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार समझौता कर लिया है.
- यूरोपीय यूनियन (EU): पहले 20% टैरिफ का ऐलान हुआ था, लेकिन समझौते के बाद अब यह घटकर 15% हो गया है.
- जापान: ट्रंप ने अप्रैल में 24% टैरिफ की घोषणा की थी. अब समझौते के बाद यह 15% हो गया है.
- दक्षिण कोरिया: पहले 25% शुल्क की घोषणा हुई थी, लेकिन समझौते के बाद अब 15% शुल्क ही लगेगा.
- ब्रिटेन: यहां 10% टैरिफ बरकरार रखा गया है, यानी न तो बढ़ाया गया और न ही घटाया गया.
- फिलीपींस और इंडोनेशिया: दोनों देशों पर क्रमशः 19% टैरिफ लागू होगा, जो पहले के मुकाबले थोड़ा अधिक या कम है.
- वियतनाम: पहले 46% का ऐलान हुआ था, अब यह घटाकर 20% कर दिया गया है.
- पाकिस्तान: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल ही में एक ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा व्यापारिक सहयोग तय हुआ है. हालांकि टैरिफ दर की सीधी जानकारी नहीं दी गई, लेकिन यह संकेत मिला है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के मूड में है.
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Trump Import Tariff List: भारत, ब्राजील और चीन पर कड़ी कार्रवाई
- जो देश ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार समझौते तक नहीं पहुंच सके, उन पर सीधा भारी टैरिफ लगाया गया है.
- भारत: अमेरिका अब भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% शुल्क वसूलेगा.
- मेक्सिको और कनाडा: इन पर क्रमशः 30% और 35% टैरिफ लगाया गया है.
- इराक, लीबिया, अल्जीरिया: तीनों देशों पर 30 से 35 प्रतिशत के बीच शुल्क लागू कर दिया गया है.
- ब्राजील: सबसे ज्यादा 50% टैरिफ ब्राजील पर लगाया गया है. इसकी वजह वहां के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर तख्तापलट के आरोप और ट्रंप की नाराज़गी बताई जा रही है.
- चीन: यहां टैरिफ दर पहले से 30% है. अमेरिका और चीन के बीच बातचीत जारी है और 12 अगस्त तक इसकी अंतिम डेडलाइन तय की गई है.
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ट्रंप की रणनीति, व्यापार घाटे को हर हाल में खत्म करना
ट्रंप की पूरी योजना इस बात पर केंद्रित है कि अमेरिका का व्यापार घाटा कम हो और घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन मिले. वह चाहते हैं कि विदेशी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाकर अमेरिकी कंपनियों को घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा का फायदा मिले. व्यापार समझौता करने वालों को रियायत दी जा रही है, लेकिन जो देश अमेरिका की शर्तें नहीं मानते, उन्हें सीधे टैरिफ की मार झेलनी पड़ रही है.