Drone Attack: बुधवार को आतंकियों ने दो क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) हमले किए जिसमें पहले हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे घायल हो गए. घायलों में दो बच्चे उस महिला के हैं. पुलिस ने बताया कि हमले के बाद महिला का शव और घायल बच्चों को अस्पताल ले जाया गया.
महिला की हुई मौत और तीन बच्चे घायल
पुलिस के मुताबिक, पहले ड्रोन हमले में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल हुए तीन बच्चों में से दो उसके अपने थे. सभी घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया. ये हमला हुआ है पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में बुधवार को आतंकियों ने दो क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) हमले किए, जिसमें एक महिला की मौत हो गई जबकि उसके दो बच्चों सहित तीन बच्चे घायल हो गए.
दूसरा हमला, थाने पर टारगेट अटैक
बन्नू जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) सलीम अब्बास कुलाची ने डॉन को बताया कि दूसरा हमला मरयाण थाने की छत पर हुआ, जहां आतंकियों ने सोलर पैनल को टारगेट किया. इस हमले में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ. पुलिस के अनुसार, यह इस थाने पर तीसरा हमला था.
इलाके में बढ़ रही है आतंकी गतिविधियां
बन्नू और आसपास के क्षेत्रों में बीते कुछ महीनों में आतंकी घटनाओं में तेजी आई है. हाल ही में एक जिरगा (पारंपरिक पंचायत) पर हुए हमले में एक व्यक्ति की जान चली गई और तीन घायल हुए थे. मार्च 2025 में बन्नू कैंट पर हुए एक बड़े हमले में 16 आतंकियों को मार गिराया गया था, जबकि पांच सैनिक शहीद हुए थे. उस हमले में एक मस्जिद और रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया गया, जिसमें 13 आम नागरिकों की मौत हो गई थी और 32 लोग घायल हुए थे.
Drone Attack: क्वाडकॉप्टर और ड्रोन हमले बन रहे हैं नई चुनौती
डॉन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा (KP) और बलूचिस्तान में बीते एक साल में क्वाडकॉप्टर और ड्रोन हमलों में काफी इजाफा हुआ है. मार्च 2025 में मर्दान में हुए एक कथित ड्रोन हमले में 11 लोगों की मौत हुई थी. मई 2025 में मीर अली (उत्तरी वजीरिस्तान) में हुए एक और हमले में चार बच्चों की जान गई और पांच अन्य घायल हुए.
इन दोनों घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों ने ड्रोन हमलों की पुष्टि की, लेकिन सेना ने किसी भी सरकारी भूमिका से इनकार किया. सेना ने इन हमलों के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को ज़िम्मेदार बताया.
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टीटीपी के साथ संघर्षविराम खत्म होने के बाद हमले बढ़े
नवंबर 2022 में जब TTP ने सरकार के साथ संघर्षविराम तोड़ दिया, तब से KP और बलूचिस्तान में आतंकी हमलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. क्वाडकॉप्टर तकनीक के इस्तेमाल ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि यह सस्ते और सटीक हमलों का माध्यम बन गया है.
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