China On Dalai Lama: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को दलाई लामा को जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा था कि वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के स्थायी प्रतीक रहे हैं. धर्मशाला में उनके जन्मदिन के समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू और राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और सिक्किम के मंत्री सोनम लामा शामिल हुए थे. इसी बात से चीन तिलमिला उठा और भारत के सामने विरोध दर्ज कराया.
चीन ने क्या दिया बयान?
चीन ने कहा, भारत को तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर बीजिंग की संवेदनशीलता को पूरी तरह समझना चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने आरोप लगाया कि 14वें दलाई लामा राजनीतिक निर्वासन में हैं, जो लंबे समय से अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं और धर्म की आड़ में शिजांग को चीन से अलग करने का प्रयास करते रहे हैं. चीन तिब्बत को शिजांग कहता है. उन्होंने कहा कि भारत को शिजांग से संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता को पूरी तरह समझना चाहिए तथा 14वें दलाई लामा की अलगाववादी प्रकृति को पहचानना चाहिए और शिजांग से संबंधित मुद्दों पर चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए.
चीन ने भारत से किया आग्रह
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि भारत को विवेकपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए और बोलना चाहिए तथा इस मुद्दे का इस्तेमाल चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले पर “चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष विरोध जताया है.”