Paris Air Show: फ्रांस की राजधानी पेरिस में हाल ही में आयोजित हुए पेरिस एयर शो (16 से 22 जून) के दौरान एक बड़ा और चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया. एयर शो में इजरायली हथियार कंपनियों की प्रदर्शनी पर अचानक प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे रक्षा उद्योग में खलबली मच गई है. इजरायल की प्रमुख रक्षा कंपनियों जैसे एलबिट सिस्टम्स, राफायल, IAI और Uvision के स्टॉल शो की शुरुआत से पहले ही बंद कर दिए गए. इस फैसले को इजरायली सरकार और वहां के विशेषज्ञों ने ‘राजनीतिक और रणनीतिक डर’ की निशानी बताया है.
फ्रांस सरकार ने अपने फैसले के पीछे दलील दी कि इजरायली कंपनियां अपने स्टैंड्स से “आक्रामक हथियारों” को हटाने के निर्देश का पालन नहीं कर रही थीं. फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि एयर शो में पहले से ही सभी प्रतिभागियों को स्पष्ट कर दिया गया था कि आक्रामक हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा और पेरिस स्थित इजरायली दूतावास ने भी इस नीति पर अपनी सहमति दी थी.
🇫🇷 A moment to look up. The @PAFofficiel delivers a striking display of precision and skill. A highlight for every airshow enthusiast. #ParisAirShow #PAS25 #PatrouilleDeFrance #Aviation pic.twitter.com/9fPXwtU8AY
— Paris Air Show (@salondubourget) June 22, 2025
वहीं इजरायल की ओर से इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया आई है. इजरायली मीडिया में इसे फ्रांस की “डर की राजनीति” करार दिया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रांस को इजरायल की उन्नत सैन्य तकनीक से वास्तविक चुनौती महसूस हो रही है. जहां फ्रांस की डसॉल्ट, थेल्स जैसी बड़ी कंपनियां पारंपरिक भारी भरकम हथियार प्रणालियों पर फोकस कर रही हैं, वहीं इजरायल ने अपेक्षाकृत हल्के, मोबाइल और सटीक हमले करने वाली तकनीक पर निवेश किया है. ये हथियार कम लागत पर ज्यादा मारक क्षमता देते हैं, जो आज के युद्धक्षेत्र की सबसे अहम जरूरत बन चुके हैं.
इजरायल के रक्षा विश्लेषक टेकले मेकोनेन का कहना है कि इजरायली हथियारों की ताकत केवल जंग के मैदान में नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और निर्यात में भी झलकती है. हर साल अरबों डॉलर का सैन्य उपकरण निर्यात कर इजरायल ने वैश्विक रक्षा बाजार में अपनी मजबूत जगह बनाई है. यही कारण है कि एशिया, अफ्रीका और खाड़ी के कई देश अब फ्रांस जैसे पारंपरिक हथियार आपूर्तिकर्ताओं के बजाय इजरायल की ओर झुकाव दिखा रहे हैं.
✈️ Step inside history.
In the World War II Hall, climb aboard a legendary military aircraft.
Inside, an immersive experience places you in the boots of the soldiers who flew toward Normandy on June 6, 1944.
A powerful journey through courage, noise, tension and history in… pic.twitter.com/E1ZI6odOhG
— Paris Air Show (@salondubourget) June 22, 2025
फ्रांस और इजरायल के बीच यह तनाव गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई को लेकर पहले से ही मौजूद रहा है. फ्रांस ने गाजा पर इजरायली हमलों की बार-बार आलोचना की है. हाल ही में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल के ‘आत्मरक्षा के अधिकार’ पर सवाल उठाए और ईरान पर संभावित हमले का भी विरोध किया. ऐसे में पेरिस एयर शो में इजरायली हथियारों की प्रदर्शनी पर रोक को विश्लेषक केवल तकनीकी मामला नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी मान रहे हैं.
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इस पूरे घटनाक्रम ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि वैश्विक हथियार बाजार अब बदल रहा है और इजरायल की तेजी से बढ़ती ताकत ने बड़े खिलाड़ियों को भी सतर्क कर दिया है. फ्रांस की यह कार्रवाई केवल एक एयर शो में रोक नहीं, बल्कि आने वाले समय में वैश्विक रक्षा संतुलन में संभावित बदलाव का संकेत भी हो सकती है.
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