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ईरान में 14,000 किलो बम गिरा तो क्या हुआ? अमेरिकी पायलट ने सुनाई दहला देने वाली कहानी


US Air Strike: 22 जून को ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका ने एक बड़ा सैन्य कदम उठाते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला किया था. इस गुप्त ऑपरेशन को अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ नाम दिया था. इस मिशन को अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने अंजाम दिया और 14,000 किलो वजनी बमों की बरसात की गई. अब इस हमले की अंदरूनी जानकारी सामने आई है, जिसमें ऑपरेशन में शामिल एक अमेरिकी पायलट ने बताया है कि बमबारी के वक्त का मंजर कैसा था.

पायलट ने बताया- “धमाके से दिन जैसा उजाला हो गया था”

अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की सफलता की जानकारी देते हुए बताया कि यह ऑपरेशन करीब 37 घंटे तक चला और इसमें पुरुषों और महिलाओं की एक बड़ी टीम शामिल थी. जनरल केन ने बताया कि ऑपरेशन में भाग लेने वाले एक पायलट ने कहा कि जब ईरान के फोर्डो स्थित परमाणु ठिकाने पर बम गिरा, तो ऐसा विस्फोट हुआ जो उसने अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं देखा था. धमाके के समय इतनी तेज रोशनी और आग फैली कि मानो रात में दिन निकल आया हो. यह उनके सैन्य करियर का सबसे जबरदस्त अनुभव था.

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ट्रंप के आदेश पर चला था मिशन

यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीधे आदेश पर किया गया था. इस हमले में अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया. इनमें से फोर्डो सबसे मुश्किल टारगेट था क्योंकि यह एक पहाड़ी के भीतर स्थित था और इसे हर तरह के हमलों से बचाने के लिए बनाया गया था. जनरल केन के मुताबिक, फोर्डो में दो मुख्य वेंटिलेशन शाफ्ट थे, जो पिचफोर्क जैसे डिजाइन में बने थे और जिनमें दो छोटे शाफ्ट जुड़े थे. हमले से ठीक पहले ईरान ने इन वेंट को कंक्रीट से बंद करने की कोशिश की थी, लेकिन अमेरिका को इसकी भनक लग चुकी थी.

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टीम सुरक्षित लौटी, मिशन रहा सफल

ऑपरेशन के दौरान मिशन पर निकले अमेरिकी पायलटों को यह तक नहीं पता था कि वे जिंदा लौटेंगे या नहीं. लेकिन सौभाग्य से सभी पायलट ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर सुरक्षित घर लौट आए. इस ऑपरेशन को अमेरिका की सैन्य क्षमता और रणनीतिक योजना का अहम उदाहरण माना जा रहा है. यह हमला न सिर्फ ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए बड़ा झटका था, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश भी था कि अमेरिका अब किसी भी खतरे को चुपचाप नजरअंदाज नहीं करेगा.

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