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हमास भी पड़ा इजरायल के आगे कमजोर, लड़ाके छोड़ रहे साथ, जानिए वजह


Hamas Collapse: 12 दिनों तक चली इजरायल-ईरान की जबरदस्त जंग के बाद आखिरकार ईरान ने सीजफायर मान लिया है. इस संघर्ष में ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इजरायल की संयुक्त कार्रवाई ने उसे घुटनों पर ला दिया. लेकिन यह लड़ाई सिर्फ ईरान तक सीमित नहीं थी, इसका बड़ा असर गाजा में सक्रिय आतंकी संगठन हमास पर भी पड़ा है. ईरान से हमास को मिलने वाली सैन्य और आर्थिक मदद अब लगभग थम गई है. दूसरी ओर, इजरायल की सेना ने हमास पर हमले तेज कर दिए हैं, जिससे संगठन की ताकत तेजी से घट रही है.

सूत्रों के अनुसार, हमास के कई शीर्ष कमांडर इजरायली हमलों में मारे जा चुके हैं. खासकर सुरंगों में छिपे लड़ाकों को इजरायली सेना ने निशाना बनाया और बड़ी संख्या में उन्हें मार गिराया. मौजूदा हालात में हमास के पास न तो पर्याप्त लड़ाके हैं, न ही भविष्य में मदद की कोई गारंटी. ईरान से मिलने वाले हथियार, प्रशिक्षण और फंडिंग अब लगभग रुक चुकी है, जिससे हमास की जमीनी स्थिति बुरी तरह डगमगा गई है.

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इस स्थिति में हमास के अंदर भी विद्रोह के संकेत मिल रहे हैं. संगठन के करीबी सूत्रों ने बताया कि कई लड़ाके या तो हथियार डाल चुके हैं या फिर संगठन छोड़ रहे हैं. कुछ अपने स्तर पर इजरायली सेना से लड़ाई जारी रखे हुए हैं, लेकिन उन्हें न स्थानीय समर्थन मिल रहा है और न ही किसी केंद्रीय नेतृत्व से आदेश. तीन अलग-अलग फिलिस्तीनी जनजातियों ने भी हमास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिससे उसकी स्थिति और जटिल हो गई है.

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गाजा में अब मानवीय संकट भी गहराता जा रहा है. खाने-पीने की सामग्री की भारी कमी है और जो थोड़ी-बहुत मदद पहुंच रही है, उसे भी लूट लिया जा रहा है. इसमें कई ऐसे तत्व शामिल हैं जिन्हें नियंत्रित करना हमास के लिए मुश्किल हो रहा है. स्थानीय लोगों का भी गुस्सा अब हमास के खिलाफ फूटने लगा है. उनका कहना है कि यदि हमास जंग रोक दे, तो इजरायल नरमी दिखा सकता है और राहत सामग्री का वितरण सुचारू रूप से हो सकता है.

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बगावत को दबाने की कोशिश में हमास ने अपने कुछ विश्वस्त लड़ाकों को राफा इलाके में छिपे एक बागी कमांडर यासिर अबू शबाब को मारने के लिए भेजा है. हालांकि अब तक शबाब पकड़ से बाहर है और हमास के भीतर का संकट और गहराता जा रहा है.

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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने हमास के मौजूदा और पूर्व सदस्यों, इजरायली सुरक्षा एजेंसियों और मिडल ईस्ट के तीन राजनयिकों समेत कुल 16 लोगों से बातचीत की है. इन सबकी राय है कि हमास अब पहले जैसी ताकत वाला संगठन नहीं रहा. भले ही बीच-बीच में इजरायली सेना पर हमले किए जा रहे हैं जैसे हाल ही में एक धमाके में 7 इजरायली सैनिक मारे गए लेकिन इन घटनाओं की आवृत्ति और असर अब बहुत सीमित रह गया है.

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इजरायली सेना के एक अधिकारी के अनुसार, हाल ही में हमास के करीब 20 लड़ाकों को मार गिराया गया है. इससे साफ है कि संगठन की गतिविधियां और प्रभाव लगातार सिमटते जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय दबावों के बीच, अब हमास के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं. जंग को जारी रखना उसके लिए आत्मघाती साबित हो सकता है.

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