US Attack On Iran: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नताज और इस्फाहान पर अब तक के सबसे बड़े सैन्य हमलों में से एक को अंजाम दिया. इन हमलों में अमेरिका ने हाइपरसोनिक मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों और GBU-37 बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया. जिनका लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह ध्वस्त करना था.
हालांकि, इस हमले के बावजूद अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि अमेरिका को अब तक 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का कोई सुराग नहीं मिला है. यह वही 60% संवर्धित यूरेनियम है, जिसे 90% तक ले जाकर परमाणु बम-ग्रेड बनाया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी मात्रा में यूरेनियम से कम से कम नौ परमाणु बम बनाए जा सकते हैं.
इजरायल ने किया बड़ा दावा
इजरायली अधिकारियों ने दावा किया है कि ईरान हमले की आशंका को भांपते हुए पहले ही संवर्धित यूरेनियम और संबंधित उपकरणों को गुप्त स्थानों पर स्थानांतरित कर चुका था. सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्डो संयंत्र के पास भारी ट्रक मूवमेंट देखा गया था, जिससे यह संकेत मिला कि ईरान ने पहले से सुरक्षा इंतजाम कर लिए थे.
पहले से तैयार था ईरान
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ईरान ने हमले से पहले ही एजेंसी को अपने परमाणु संसाधनों की सुरक्षा की सूचना दी थी. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईरान खुफिया चेतावनियों के आधार पर पूरी तरह तैयार था.
इस बीच, एक और मोड़ तब आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जून 2025 की सुबह युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन कुछ ही घंटों बाद ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले कर दिए. इसके जवाब में इजरायल ने ईरान को और बड़े हमले की चेतावनी दी है. इससे पहले 23 जून को ईरान ने ‘बशेर अल फतेह’ ऑपरेशन के तहत कतर के अल उदैद एयरबेस और इराक के एन अल-असद एयरबेस पर मिसाइलें दागी थीं.