US Immigration Raid los Angeles: शुक्रवार को लॉस एंजिल्स में अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा की गई छापेमारी ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया. इस ऑपरेशन के दौरान 44 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिससे आप्रवासी समुदायों में डर और आक्रोश की लहर दौड़ गई. इस छापेमारी ने न केवल व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, बल्कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगहों पर टकराव की स्थिति भी पैदा हो गई.
छापेमारी की वजह
होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन्स (HSI) के तहत ICE ने शुक्रवार को लॉस एंजिल्स के तीन प्रमुख स्थानों पर चार तलाशी वारंट के आधार पर छापे मारे. ICE की प्रवक्ता यासमीन पिट्स ओ’कीफ के अनुसार, यह कार्रवाई अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों के खिलाफ की गई थी और इसमें कुल 44 लोगों को प्रशासनिक गिरफ्तारी में लिया गया. साथ ही एक शख्स को कानून प्रवर्तन में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में लिया गया.
हालांकि, मानवाधिकार और आप्रवासी संगठनों ने ICE के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि ये छापेमारी कम से कम सात स्थानों पर हुई थी. इनमें वेस्टलेक क्षेत्र के दो होम डिपो स्टोर, फैशन डिस्ट्रिक्ट का एक कपड़ा गोदाम और एक डोनट की दुकान शामिल हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन छापों में न तो उचित वारंट दिखाए गए और न ही गिरफ्तार किए गए लोगों को कानूनी सहायता दी गई.
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विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
जैसे ही ICE की कार्रवाई की खबर शहर में फैली, सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. वेस्टलेक के एक होम डिपो स्टोर के बाहर विशेष रूप से तनावपूर्ण माहौल देखा गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने ‘उन्हें आज़ाद करो’ जैसे नारे लगाए और हिरासत में लिए गए लोगों को ले जा रही वैनों को रोकने की कोशिश की.
स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने वाहनों पर अंडे फेंके और सड़कों को जाम कर दिया. जवाब में, LAPD और ICE एजेंटों ने आंसू गैस, फ्लैश बैंग ग्रेनेड और कम घातक हथियारों का उपयोग कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया. झड़प के दौरान कैलिफोर्निया सर्विस एम्प्लॉइज इंटरनेशनल यूनियन (SEIU) के अध्यक्ष डेविड ह्यूर्टा को भी हिरासत में लिया गया. SEIU ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की. शाम तक लॉस एंजिल्स फेडरल बिल्डिंग के पास लगभग 200 प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए. हालात बिगड़ने पर LAPD ने इस सभा को “गैरकानूनी” घोषित किया और भीड़ को हटाने के आदेश दिए.
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स्थानीय और राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया
लॉस एंजिल्स की मेयर कैरन बास ने ICE की इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “इस तरह की रणनीति हमारे समुदायों में भय और अविश्वास फैलाती है. यह हमारे शहर की सुरक्षा और एकता के खिलाफ है.” उन्होंने ICE को चेतावनी देते हुए कहा कि लॉस एंजिल्स ऐसी कार्रवाइयों को स्वीकार नहीं करेगा. कैलिफोर्निया के सीनेटर एलेक्स पैडिला ने भी इस ऑपरेशन की कड़ी आलोचना की और इसे ट्रंप प्रशासन की कठोर आव्रजन नीति का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, “यह नीतियां न केवल अनावश्यक हैं बल्कि अमानवीय भी हैं.”
अधिकार समूहों की आलोचना और प्रतिक्रिया
कोएलिशन फॉर ह्यूमेन इमिग्रेंट राइट्स जैसी संस्थाओं ने दावा किया कि ICE ने बिना कानूनी वारंट के कई परिवारों को तोड़ा. संस्था की प्रमुख एंजेलिका सलास ने कहा, “यह छापे हमारे समुदायों पर हमला हैं. गिरफ्तार किए गए लोग मजदूर, माता-पिता और हमारे प्रियजन हैं. इस तरह की बर्बर कार्रवाई तत्काल बंद होनी चाहिए.”
ट्रंप प्रशासन की आक्रामक नीति
यह छापेमारी ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें अवैध प्रवासियों के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ अपनाया गया है. व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने ICE को रोज़ाना 3,000 गिरफ्तारियों का लक्ष्य दिया है. तुलना करें तो ट्रंप के कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों में यह आंकड़ा औसतन 660 प्रतिदिन था, जबकि अब यह 2,000 से अधिक हो चुका है. लॉस एंजिल्स यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने अपने छात्रों और परिजनों को “नो योर राइट्स” कार्ड बांटना शुरू कर दिया है, ताकि ICE की कार्रवाई के दौरान वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें. यह कदम खासतौर पर स्कूलों और धार्मिक स्थलों में संभावित गिरफ्तारी के विरोध में उठाया गया है.
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लॉस एंजिल्स में ICE की यह कार्रवाई केवल 44 गिरफ्तारियों से कहीं अधिक गूंज पैदा कर गई है. यह शहर में बढ़ते सामाजिक तनाव, मानवाधिकारों पर सवाल, और संघीय बनाम स्थानीय सरकार के टकराव का प्रतीक बन गई है. आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाने की संभावना है, खासकर जब देश में राष्ट्रपति चुनाव नज़दीक हैं और आव्रजन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है.