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पाकिस्तान में बकरीद मनाने पर रोक! कुर्बानी पर 5 लाख का जुर्माना, जानें कारण |Pakistan Ahmadiyya Muslim


Pakistan Ahmadiyya Muslim: पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिम समुदाय को धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर ईद-उल-अजहा 2025 के अवसर पर. पंजाब और सिंध प्रांतों में पुलिस और प्रशासन ने अहमदिया समुदाय के लोगों को धमकाया है, उन्हें हलफनामे पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया है, जिसमें यह शपथ ली जाती है कि वे किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में भाग नहीं लेंगे. ऐसा न करने पर 5 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाने की धमकी दी जा रही है. यह आदेश 2023 की एक अधिसूचना के आधार पर लागू किया जा रहा है, जो असंवैधानिक है और स्थानीय अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.

अहमदिया मुसलमानों को बकरीद मनाने पर रोक

अहमदिया समुदाय को कब्रों से भी शांति नहीं मिलती. मार्च 2025 में, पंजाब के खुशाब में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने 100 से अधिक अहमदिया कब्रों के साथ तोड़-फोड़ की थी. टीटीपी और अन्य चरमपंथी संगठन अहमदियों को लगातार निशाना बना रहे हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, जून 2024 में कम से कम 36 गिरफ्तारियां ईद के अनुष्ठानों से रोकने के लिए की गई थीं.

अहमदिया को कब्र पर नहीं मिलती शांति

पाकिस्तान में 1974 के संविधान संशोधन के बाद अहमदिया समुदाय को मुस्लिम मान्यता से बाहर कर दिया गया था. अहमदिया समुदाय के लोग सार्वजनिक रूप से कुरान पढ़ने, नमाज अदा करने, सलाम बोलने, यहां तक कि मस्जिद बनाने तक की रोक का सामना कर रहे हैं. अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता है. पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का उल्लंघन माना जा रहा है.

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