Drone Attack: भारत के सांसदों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, जो “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत रूस पहुंचा था, मॉस्को एयरपोर्ट पर ड्रोन हमले की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया. इस प्रतिनिधिमंडल में डीएमके सांसद कनिमोझी, समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय, आरजेडी के प्रेमचंद गुप्ता, कैप्टन ब्रिजेश, अशोक कुमार मित्तल और भारत के पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पूरी शामिल हैं. ये सभी सदस्य भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए रूस के दौरे पर थे.
22 मई को भारत से रवाना हुआ यह प्रतिनिधिमंडल उस समय खतरे में पड़ गया जब उनका विमान मॉस्को एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए तैयार था. उसी समय यूक्रेन की ओर से मॉस्को पर कथित ड्रोन हमला हुआ, जिससे हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था में खलबली मच गई. हमले के बाद मॉस्को एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बन गया और वहां की हवाई यातायात व्यवस्था को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा.
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विमान, जिसमें सांसद कनिमोझी और अन्य प्रतिनिधि सवार थे, कई घंटों तक आसमान में चक्कर लगाता रहा क्योंकि उसे लैंडिंग की अनुमति नहीं मिल रही थी. आखिरकार सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद विमान को सुरक्षित रूप से एयरपोर्ट पर उतारा गया. हवाई अड्डे पर भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने सांसदों का स्वागत किया और उन्हें उनके होटल तक सुरक्षित पहुंचाया.
भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत छह अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजे हैं, ताकि भारत में हुए हालिया आतंकवादी हमलों और उनकी पृष्ठभूमि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा किया जा सके. रूस के बाद यह प्रतिनिधिमंडल स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन की यात्रा पर भी जाएगा.
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मॉस्को पहुंचने के बाद सांसद कनिमोझी ने कहा कि रूस भारत का रणनीतिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच वर्षों से मजबूत कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में हुए हालिया आतंकी हमलों, जिनमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई, ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही आतंकवाद का मुकाबला किया जा सकता है.
कनिमोझी ने आगे कहा कि इस दौरे का उद्देश्य भारत की स्थिति को स्पष्ट करना और यह बताना है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कितनी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल रूस के उप विदेश मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, विभिन्न थिंक टैंक्स और मीडिया प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा और भारत के दृष्टिकोण को साझा करेगा. यह दौरा न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को भी नई दिशा देगा.