Saifullah Killed : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय पर 2006 में हुए हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी रजाउल्ला निजामनी खालिद उर्फ अबू सैफुल्ला की हत्या हो गई. रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मार दी. खालिद 2000 के दशक की शुरुआत में नेपाल से लश्कर के आतंकी अभियानों का नेतृत्व करता था. उसे विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्ला जैसे नामों से भी जाना जाता था. अधिकारियों के मुताबिक, वह भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा था और लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था.
इस लश्कर आतंकी सैफुल्लाह का जनाजा भी पाकिस्तानी झंडे में निकला, पहलगाम हमले के बाद ISI ने किया था अंडरग्राउंड https://t.co/RhnVkHVIVW #Lashkarterrorist #Saifullah #terroristSaifullah #funeral #Pakistan #Saifullah #SaifullahDeath pic.twitter.com/xv8FPWjSjP
— Axis Metro (@axis_metro16892) May 19, 2025
अबू सैफुल्ला की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें भीड़ नजर आ रही है. मंच से किसी की आवाज आ रही है. वह भारत का हाथ आतंकी की हत्या के पीछे बता रहा है. पीएम मोदी को भी कुछ बोलता वो सुनाई दे रहा है. धमकी भरे लहजे में वह कह रहा है कि हमें ऐसी घटना से एनर्जी मिलती है. इस हत्या का बदला हम जरूर लेंगे.
सिंध प्रांत के बदनी में एक चौराहे के पास सैफुल्ला को मारी गई गोली
अधिकारियों ने बताया कि सैफुल्ला रविवार दोपहर सिंध के मतली में अपने घर से निकला था और सिंध प्रांत के बदनी में एक चौराहे के पास हमलावरों ने उसे गोली मार दी. लश्कर के अबू अनस का करीबी सहयोगी खालिद नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए थे. संघ मुख्यालय पर हमले के अलावा, लश्कर का यह आतंकवादी खालिद 2005 में बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था, जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हुए थे.
आतंकवादी घटनास्थल से भाग निकले थे, हालांकि बाद में पुलिस ने मामले की जांच की और अबू अनस के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. अनस अब भी फरार है. खालिद 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सात जवान और एक नागरिक की मौत हो गयी थी. दोनों आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये थे. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के बाद खालिद नेपाल छोड़कर पाकिस्तान लौट गया था.